कुरुक्षेत्र धाम में 1008 कुंडों पर मंत्रोच्चारण से गूंजी धर्मनगरी
1008 कुण्डीय जनकल्याण शिव शक्ति महायज्ञ में डल रही आहुतियों से पवित्र हो रहा वातावरण
श्रीनारद मीडिया वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक हरियाणा
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र धाम बुधवार सुबह से ही मंत्रोच्चारण से गूंजने लगी है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में यज्ञ सम्राट स्वामी हरिओम जी महाराज के सान्निध्य में 18 से 27 मार्च तक होने वाले 1008 कुण्डीय जनकल्याण शिव शक्ति महायज्ञ शुरू हो चुका है। इस महायज्ञ में अब हर रोज एक लाख आहुतियां डाली जाएंगी। 27 मार्च तक चलने वाले महायज्ञ को पूरा करवाने के लिए देश भर से 1200 प्रकांड ब्राह्मण व 1500 विद्वान कुरुक्षेत्र में पहुंचे हैं। लोगों में भी महायज्ञ के प्रति गहरी श्रद्धा व उत्साह दिखाई दे रहा है। बड़ी संख्या में सुबह ही श्रद्वालु यहां पहुंचे हैं।
यज्ञशाला में खास तौर पर धोती पहना व्यक्ति ही कर सकता है प्रवेश।
आपको बता दें कि यज्ञशाला में धोती पहना व्यक्ति ही प्रवेश कर सकता है। पारंपरिक परिधान धारण किए यजमान ही यज्ञ शाला में बैठकर आहुतियां डाल रहे हैं। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच हवन कुंड में डल रही आहुतियों से वातावरण स्वच्छ और पवित्र हो रहा है।
प्रतिदिन सुबह से दोपहर होगा यज्ञ, फ़िर श्रीराम कथा, फिर दिव्य महाआरती।
गौरतलब है कि यज्ञशाला में 26 मार्च तक सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। 27 मार्च को यज्ञ एवं पूर्ण आहुति के साथ महायज्ञ संपन्न होगा।
इसी प्रकार प्रतिदिन शाम 3 बजे से 5 बजे तक पूर्व डीजीपी आरसी मिश्रा द्वारा श्री राम कथा का आयोजन किया जाएगा। प्रतिदिन रात्रि 7:30 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक दिव्य महाआरती स्वामी हरिओम जी द्वारा की जाएगी।
26 मार्च को होगी धर्म संसद, जुटेगा संत समाज।
काबिलेजिक्र है कि 26 मार्च को केशव पार्क में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। शाम 5 से 7:30 बजे तक आयोजित होने वाली धर्म संसद में देश भर के असंख्य संत, महापुरुष हिस्सा लेंगे।
24 राज्यों में अब तक 101 महायज्ञ कर चुके यज्ञ सम्राट।
गौरतलब है कि यज्ञ सम्राट हरिओम जी महाराज देशभर के 24 राज्यों में अब तक 101 महायज्ञ कर चुके हैं, इनका संकल्प भारतवर्ष 108 महायज्ञ करने का है। कुरुक्षेत्र में आयोजित महायज्ञ 102वाँ महायज्ञ होगा जिसको लेकर देश भर के धर्मप्रेमियों में भारी उत्साह है। इस महायज्ञ में संपूर्ण भारतवर्ष से संत महात्मा, ऋषि, महंत, ब्राह्मण, सनातनी भक्तजन शामिल होंगे। इस महायज्ञ से पूरे विश्व में सनातन और शांति का संदेश जाएगा।
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