देश के अमीर मंदिर, जिनमें हर साल करोड़ों का चढ़ता है चढ़ावा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश भर के कई ऐसे मंदिर है जहां के दर्शन मात्र के लिए श्रद्धालु तरसते है. कोरोना वायरस के कारण लगभग सभी मंदिर पहले ही बंद चल रहे है. बावजूद इसके कई इन मंदिरों अरबों-खरबों की संपत्ति है. कई मंदिर आए दिन चढ़ावा को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. इन मंदिरों में दर्शन के लिए आए भक्त करोड़ों का दान हर साल करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में जो कमाई के मामले में आए दिन नए रिकॉर्ड बनाती हैं….
पद्मनाभ स्वामी मंदिर, तिरुवंतपुरम (Padmanabhaswamy Temple Earnings)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पद्मनाभ स्वामी मंदिर, भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है जो केरल के तिरुवंतपुरम में स्थित है. इस मंदिर में भगवान महा विष्णु भगवान की सोने की बनी प्रतिमा स्थापित है. कहा जाता है कि केवल इसकी कीमत ही 500 करोड़ रुपये होगी. यहां कुल 6 तिजोरियां है जिसमें 20 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति पड़ी हुई है.
तिरुपति बालाजी मंदिर, आंध्र प्रदेश (Tirupati Balaji Temple Earnings)
देश के सबसे प्रतिष्ठित व अमीर मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी की मंदिर भी है. जो आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर साल यहां करीब 650 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ता है. हालांकि, कोरोना काल के कारण इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है.
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू (Vaishno Devi Temple Income)
लगभग हर हिंदू धर्म के लोगों की इच्छा होती है कि वह अपने जीवन में एक बार वैष्णो देवी की मंदिर जरूर जाए. दरअसल, माता रानी की यह मंदिर जम्मू में स्थित है. जहां साल भर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. टूर माय इंडिया डॉट कॉम की माने तो यहां हर साल 500 करोड़ से अधिक रुपए का चढ़ावा चढ़ता है.
साईं बाबा की शिरडी मंदिर, महाराष्ट्र (Shirdi Sai Baba Temple Earnings)
साईं बाबा की शिर्डी वाली मंदिर देश-विदेश में काफी प्राख्यात है. यहां श्रद्धालु हर साल करीब 480 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाते है. यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित है.
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई (Siddhivinayak Temple Income)
पूरा महाराष्ट्र व्यापक रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए जाना जाता है. मुंबई में सिद्धि विनायक की मंदिर देशभर में काफी प्रचलित है. बड़े से बड़े सेलिब्रिटी यहां मन्नतें मांगने आते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 125 करोड़ रूपए का चढ़ावा इस मंदिर में हर साल चढ़ता है.