राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अहम-रमेन्द्र
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
भारतीय धर्म ,संस्कृति और समाज के संरक्षण एवम विकास में शिक्षकों ने जो त्याग और समर्पण किया है उसके प्रति सम्पूर्ण राष्ट्र अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता है।उक्त बातें गुरु गोविंद सिंह जयंती के अवसर पर मालवीय नगर स्थित अपने आवास पर आयोजित एक संगोष्ठी में अखिल भारतीय विद्या भारती के पूर्व महासचिव -सह-भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रमेन्द्र राय ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि सशक्त राष्ट्र का निर्माण श्रेष्ठ शिक्षकों के द्वारा ही हो सकता है।शिक्षक श्रेष्ठ होंगे तो हमारी शिक्षा व्यवस्था सशक्त होगी ।जिससे एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण होगा ।शिक्षा का उद्देश्य अपने राष्ट्र की संस्कृति एवम उसपे आधारित मानव नवनिर्माण तथा विकास से है।
आज के भौतिक परिवेश में शिक्षक अपने को कमजोर समझ रहा है । परंतु इसके लिए हमें निराश होने के बजाय इसकी जवाबदेही खुद पर लेते हुए अपने अंदर के देवत्व के भावों को जागृत करते हुए राष्ट्र निर्माता के रुप में अपनी उत्कृष्ट पहचान को पुनस्थापित करने की आवश्यकता है।
क्योंकि जब भी किसी सृजनात्मकता , सदविचार और अच्छाई की बात आती है तो उसका श्रेय शिक्षकों को ही जाता है ।
इस अवसर पर डॉ श्याम शंकर पांडेय, डॉ अनिल राय, डॉ मनीष कुमार सिंह, श्री गणेश राय, प्रो डॉ अशोक प्रियंवद, डॉ सुधीर कुमार सिंह , प्रो अवधेश शर्मा, मनोज कुमार सिंह ,अरविंद कुमार, डॉ विजय कुमार पांडे अधिवक्ता सहित दर्जनों शिक्षाविद एवं बुद्धिजीवी उपस्थित थे।
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