थाना प्रभारी का अभद्र व्यवहार हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव हिला देती है- सांसद सुधाकर सिंह

थाना प्रभारी का अभद्र व्यवहार हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव हिला देती है- सांसद सुधाकर सिंह

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति और पुलिस की कार्यशैली को लेकर सियासी घमासान चल रहा है। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव सोशल मीडिया पर क्राइम बुलेटिन जारी करते रहते हैं। इस बीच बक्सर के राजद सांसद सुधाकर सिंह ने लॉ एंड ऑर्डर पर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि को कोई धमकी देता है और थाना प्रभारी द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है। यह घटना हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव हिला देती है।

सुधाकर सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में दर्द बयां किया है। राजद नेता लिखते हैं- “2 सितंबर, 2024 को एक व्यक्ति, जिसका नाम अविनाश कुमार है और मोबाइल नंबर 9973227473 है, के द्वारा मुझे धमकी दी गई और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इसकी शिकायत मैंने उसी दिन रामगढ़ थाना प्रभारी को लिखित रूप में दर्ज कराई, जिसका पत्रांक संख्या Sep-24/53 है। खेद की बात है कि इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।”

लोकसभा सांसद आग लिखते हैं- “पिछली रात रामगढ़ प्रखंड के ग्राम नरहन और लबेदहा के स्थानीय किसानों ने मुझसे शिकायत की कि रात्रि के 12 बजे रामगढ़ थाना प्रभारी द्वारा उन्हें धमकी दी जा रही है। जब मैंने इस संबंध में और मुझे मिली धमकी के बारे में थाना प्रभारी से बात की, तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बल्कि, उन्होंने कहा कि वे मेरे जैसे बहुत से सांसदों और विधायकों को अपनी जेब में रखकर घूमते हैं, और मुझे जहां शिकायत करनी हो, कर ले। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यह टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के प्रति घोर अपमानजनक भी है।

क्या यह बिहार पुलिस की कार्य संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है? यदि एक सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा सकता है, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी? यह घटना लोकतांत्रिक मूल्यों का घोर उल्लंघन प्रतीत होती है। पुलिस का यह रवैया न केवल जनप्रतिनिधियों के प्रति अनादर को दर्शाता है, बल्कि समूचे कानून व्यवस्था तंत्र पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

यह स्थिति राजनीतिक हस्तक्षेप और संभावित भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करती है। यह स्पष्ट है कि यह पूरा घटनाक्रम मुझे कमजोर करने के लिए रचा जा रहा है। लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं इन धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। अब तक मुझे कमजोर करने के बहुत प्रयास किए गए और आगे भी किए जाएंगे, लेकिन लोकतंत्र में जनता मालिक है, न कि आप और आपकी पुलिस।

बिहार की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यह चिंताजनक है कि एक थाना प्रभारी द्वारा जनता के चुने हुए प्रतिनिधि के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। यह घटना हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव को हिला देती है।

राजद सांसद ने कहा कि दो सितंबर 2024 को एक व्यक्ति जिसका नाम अभिनंदन कुमार है और मोबाइल नंबर 9973227473 है के द्वारा मुझे धमकी दी गई और अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इसकी शिकायत मैंने उसी दिन रामगढ़ थाना प्रभारी को लिखित रूप में दर्ज कराई, जिसका पत्रांक संख्या Sep-24/53 है। खेद की बात है कि इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इतना ही नहीं, पिछली रात रामगढ़ प्रखंड के ग्राम नरहन और लबेदहा के स्थानीय किसानों ने मुझसे शिकायत की कि रात्रि के 12 बजे रामगढ़ थाना प्रभारी द्वारा उन्हें धमकी दी जा रही है। जब मैंने इस संबंध में और मुझे मिली धमकी के बारे में थाना प्रभारी से बात की, तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बल्कि, उन्होंने कहा कि वे मेरे जैसे बहुत से सांसदों और विधायकों को अपनी जेब में रखकर घूमते हैं, और मुझे जहां शिकायत करनी हो कर लें। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यह टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के प्रति घोर अपमानजनक भी है।

सुधाकर सिंह ने सिर्फ बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है बल्कि नाम लिए बगैर नीतीश कुमार और उनकी सरकार में शामिल दलों और नेताओं पर भी निशाना साधा है। उन्होंने एनडीए सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का भी आरोप लगाया है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!