बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी तक बढ़ेगा-CM नीतीश कुमार
राज्य में आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जाति आधारित गणना (Caste Based Survey) के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण (Reservati) का दायरा बढ़ा कर 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने यह प्रस्ताव विधानसभा में विचार के रूप में रखा। उन्होंने कहा कि गणना की रिपोर्ट से राज्य की गरीबी जाहिर होती है।
केंद्र सरकार अगर बिहार को विशेष दर्जा दे तो गरीबी जल्द दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सवर्ण गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण यथावत रहेगा। पिछड़े वर्ग को मिलने वाला तीन प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों के लिए पहले से जारी आरक्षण में समायोजित कर दिया जाएगा।
अनुसूचित जातियों-जनजातियों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिलता है। 2011 की जनगणना की तुलना में इनकी आबादी बढ़ी है। इसलिए अनुसूचित जाति को 16 के बदले 20 और जनजातियों को एक के बदले दो प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
आरक्षण का दायरा किस तरह बढ़ेगा
- प्रस्ताव के अनुसार, अनुसूचित जाति को अभी 16 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है। इसे बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया जाएगा।इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 1 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी कर दिया जाएगा।
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग को कुल मिलाकर 43 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
किस आधार पर कह रहे संख्या घट गई : नीतीश कुमार
विधानसभा में जाति आधारित सर्वेक्षण पर बोलते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इस जाति की जनसंख्या बढ़ गई या घट गई, लेकिन ये बताइए कि जब इससे पहले जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है तो आप कैसे कह सकते हैं कि इस जाति की संख्या बढ़ गई या घट गई?
उन्होंने कहा कि हम शुरुआत से केंद्र सरकार से कहते आए हैं कि वे भी जातिगत जनगणना करें… 2022-2021 में जो जनगणना होनी थी वो नहीं हुई तो जितना जल्दी हो सके शुरू करें।
सामान्य वर्ग में प्रति माह 50 हजार से अधिक कमाने वालों में कायस्थ सबसे आगे
सामान्य वर्ग में प्रति माह 50 हजार रुपए से अधिक की कमाई करने वालों में कायस्थ जाति के परिवारों की संख्या सबसे अधिक है। आंकड़ा यह कह रहा कि कायस्थों में 24,48 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जिनकी प्रति माह की आमदनी 50 हजार रुपए से अधिक है।
सामान्य वर्ग में प्रति माह 50 हजार से अधिक कमाने वालों में कायस्थ सबसे आगे
सामान्य वर्ग में प्रति माह 50 हजार रुपए से अधिक की कमाई करने वालों में कायस्थ जाति के परिवारों की संख्या सबसे अधिक है। आंकड़ा यह कह रहा कि कायस्थों में 24,48 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जिनकी प्रति माह की आमदनी 50 हजार रुपए से अधिक है।
यह संख्या 41, 853 है। सामान्य वर्ग की जातियों में 50 रुपए से अधिक की मासिक आय वालों में भूमिहार जाति दूसरे नंबर पर है। भूमिहारों में 13.97 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो हर माह 50 हजार रुपए से अधिक कमा रही।
यह संख्या 1,17112 है। तीसरे नंबर पर राजपूत जाति है। इस जाति के 11, 24 प्रतिशत यानी 1, 07,182 लोग प्रति माह 50 हजार रुपए से अधिक कमाते हैं। ब्राह्मण जाति चौथे स्थान पर है।
इस जाति के 10.57 प्रतिशत यानी 1,13, 805 लाेग प्रति माह 50 हजार रुपए से अधिक कमा लेते हैं। अगड़ी जाति के मुसलमानों में सैयद वर्ग के 11.84 प्रतिशत लोग प्रति माह 50 हजार रुपए से अधिक, पठान में 4.94 तथा शेख में 2.94 प्रतिशत लोग इस श्रेणी में हैं जिनकी मासिक आय 50 हजार से अधिक है।
सामान्य वर्ग में 20 हजार से 50 हजार तक प्रति माह कमा लेने वालों में भी 24. 41 प्रतिशत के साथ कायस्थ जाति आगे है। वहीं राजपूत और भूमिहार जाति 19.05 और 19.06 प्रतिशत के साथ आसपास है।
वहीं, 18.33 प्रतिशत के साथ ब्राह्मण जाति चौथे नंबर पर है। इस श्रेणी में मुस्लिमों में सैयद 19.97, पठान 15.17 व शेख 10.80 प्रतिशत हैं।
- विधानसभा में पेश की गई जागिगत जनगणना की रिपोर्ट
- General Class (Upper Caste) प्रदेश में सामान्य वर्ग (सवर्ण) के कुल परिवारों की संख्या 43,28,282 है। इनमें से 25.09 फीसदी यानी 10,85,913 परिवार गरीब हैं।
- Backward Class पिछड़ा वर्ग के कुल परिवारों की संख्या 74,73,529 है। इनमें से 33.16 फीसदी यानी 24,77,970 परिवार गरीब हैं।
- Extremely Backward Class अत्यंत पिछड़ा वर्ग के कुल 98,84,904 परिवार हैं। इनमें से 33.58 फीसदी परिवार गरीब हैं। इनकी संख्या 33,19,509 है।
- Scheduled Caste अनुसूचित जाति के कुल परिवार 54,72,024 हैं। इनमें से 23,49,111 परिवार गरीब हैं, जो कि कुल संख्या का 42.93 फीसदी है।
- Scheduled Tribe प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के परिवारों की कुल संख्या 4,70,256 है। इनमें से 2,00,809 परिवार गरीब हैं। यह कुल संख्या का 42.70 फीसदी है।
- Other Castes अन्य जातियों के परिवारों की कुल संख्या 39,935 है। इसमें से 9,474 परिवार गरीब हैं। यह कुल संख्या का 23.72 फीसदी है।
- बिहार में सभी जातियों के परिवारों की कुल संख्या 2,76,68,930 है। इनमें से कुल गरीब परिवारों की संख्या 94,42,786 है। यह सभी समाज के कुल परिवारों की संख्या का 34.13 फीसदी है।
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