मणिपुर में स्थिति का समाधान जल्द ही निकलेगा- जस्टिस बीआर गवई

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कठिन समय में काम करने के लिए मार्गदर्शन देता है संविधान

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दो वर्षों से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर के दौरे पर गए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने उम्मीद जताई है कि राज्य में जल्द ही स्थिति का समाधान निकलेगा। राज्य के दौरे पर गए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जस्टिस गवई ने कहा कि मणिपुर में राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोग अच्छे मूड में हैं और सामान्य स्थिति में लौटना चाहते हैं।

जल्द ही दोनों समूहों के बीच समाधान निकल आएगा: जस्टिस गवई

जस्टिस गवई ने कहा,”राहत शिविरों में लोग अच्छे मूड में हैं और वे सभी शांति और सामान्य स्थिति में लौटना चाहते हैं। मैंने दोनों समूहों से बात की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द कोई समाधान निकल आएगा।”इससे पहले जजों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को इंफाल में द्विवार्षिक समारोह में भाग लिया। जस्टिस गवई ने मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सचिवालय और अन्य भवनों एवं परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

SC के पांच सदस्यीय जजों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा इंफाल

प्रतिनिधिमंडल ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे कई अहम बिंदुओं पर बातचीत भी की। गौरतलब है कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय जजों का प्रतिनिधिमंडल इंफाल पहुंचा था। प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन. कोटेश्वर शामिल थे। उन्होंने चूड़चांदपुर में एक राहत शिविर का भी दौरा किया। जस्टिस गवई राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन हुआ था लागू

उन्होंने राज्य के सभी जिलों में विधिक सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का उद्घाटन किया। साथ ही इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए विधिक सहायता क्लीनिकों का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के पांच दिन बाद ही राज्य में 13 फरवरी को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।

तीन मई, 2023 को आल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन आफ मणिपुर की रैली के बाद मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी। फिर पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट के जज कोटिस्वर सिंह ने रविवार को कहा कि यदि लोग संविधान का पालन करें तो मणिपुर में चुनौतियों से निपटा जा सकता है। वहीं, जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि संवैधानिक तरीकों से सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। जब संवाद होता है तो समाधान पहुंच में होता है।जस्टिस गवई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की टीम शनिवार से मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर है। टीम में शामिल जस्टिस कोटिस्वर सिंह ने मणिपुर हाई कोर्ट की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि मणिपुर एक छोटा राज्य है, लेकिन सौभाग्य से हमारे पास संविधान है जो हमें कठिन समय में काम करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

देश को मजबूत करने के लिए करें काम

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की टीम ने शनिवार को चूड़चंदपुर और बिष्णुपुर जिलों के दौरे के दौरान लोगों में काफी उत्साह और आशा देखी। चुनौतियां भी हैं जिनसे संवैधानिक मूल्यों का पालन करके निपट सकते हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे देश को मजबूत बनाने के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करें और इसे कमजोर करने वाला कोई काम न करें।

जस्टिस गवई ने कहा,संवैधानिक तरीकों से हर चीज का समाधान किया जा सकता है। अगर बातचीत होगी तो समाधान दूर नहीं होगा। राहत शिविरों में रह रहे लोग अपने घर लौटना चाहते हैं। मुझे यकीन है कि राज्यपाल के प्रयासों से मणिपुर में जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
जज ने कहा कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तय किया था कि मणिपुर की यात्रा के दौरान वे उन लोगों से बातचीत करेंगे जो पिछले दो वर्षों से संघर्ष के कारण पीडि़त हैं। हमने चूड़चंदपुर और बिष्णुपुर में राहत शिविरों का दौरा किया और दोनों समुदायों से बातचीत की। एक बात जो हम समझ पाए, वह यह है कि हर कोई शांति की बहाली चाहता है। किसी की भी मौजूदा स्थिति जारी रखने में दिलचस्पी नहीं है। हम सभी संवैधानिक तरीकों से राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए एकजुट होकर काम कर सकते हैं।

मणिपुर में शांति प्रयासों में हुई प्रगति : मेघवाल

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से वार्ता में कहा कि मणिपुर की स्थिति में सुधार हो रहा है। शांति बहाली की प्रक्रिया में प्रगति हुई है और आगे भी इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है।
राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद इस मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की गई और शांति बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। केंद्र सरकार राज्य में जल्द ही शांति वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर कथित रूप से नकदी मिलने के मामले पर मेघवाल ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है.. समिति की रिपोर्ट आने दीजिए.. हम उसके बाद बात करेंगे।”

 

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