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जलवायु परिवर्तन के चलते घट रहा पक्षियों का आकार.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जलवायु परिवर्तन का असर आने वाले समय में सीधे तौर पर हमारे शरीर और सेहत पर पड़ सकता है। इसके सुबूत हाल ही में हुए शोध में मिले हैं। लुसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी (एलएसयू) के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक शोध के मुताबिक, अमेजन वर्षा वन के कई हिस्से मानवजनित जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहे हैं। रिसर्च में पाया गया है कि यहां रहने वाले अधिकांश पक्षियों के आकार में कमी आ रही है। इन पक्षियों के वजन में भी हर दशक में दो फीसदी तक की कमी देखी जा रही है। यह अध्ययन साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

वैज्ञानिकों ने अमेजन वर्षा वन में रहने वाले पक्षियों के पिछले चार दशक के आंकड़े जुटाए हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि अमेजन में रहने वाले पक्षियों की संख्या में कमी के साथ ही ज्यादातर पक्षियों के शरीर का आकार और पंखों की लंबाई बदल गई है। अध्ययन के मुताबिक जून से नवंबर तक के मौसम के दौरान पक्षियों में ये शारीरिक परिवर्तन तेजी से हो रहे हैं। लुसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता विटेक जिरिनेक के मुताबिक अमेजन वर्षावन में, जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभावों को देखा जा रहा है।

अमेजन वर्षावन में पक्षी आकर में छोटे हो गए हैं और उनके पंख लंबे हो गए हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि पक्षी बदलती पर्यावरण परिस्थितियों का संकेत देते हैं, इनमें नई शारीरिक या पोषण संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं। इस अध्ययन के लिए जिरिनेक और उनके सहयोगियों ने 15 हजार से ज्यादा पक्षियों का डेटा जुटा कर उस पर अध्ययन किया है। इस दौरान पक्षियों को पकड़ा गया, मापा गया, तौला गया और उन्हें चिन्हित किया गया।

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अध्ययन में मिले आंकड़ों से पता चलता है कि 1980 के दशक से लगभग सभी पक्षियों के शरीर का वजन कम हुआ है। अध्ययन में मिले परिणामों के मुताबिक पक्षियों के वजन में एक दशक में औसतन दो फीसदी की कमी दर्ज की गई है। 1980 के दशक में जन पक्षियों का औसत वजन 30 ग्राम था उनका औसत वजन अब लगभग 27.6 ग्राम हो चुका है।

सह-शोधकर्ता प्रोफेसर फिलिप स्टॉफ़र के मुताबिक, यह बदलाव निस्संदेह हर जगह हो रहा है। पक्षियों के साथ ही आप अपने आसपास रहने वाले जानवरों और पेड़ पौधों पर भी जलवायु परिवर्तन का असर देख सकते हैं। पिछले 40 साल में इनमें काफी बदलाव आया है। वैज्ञानिकों ने वर्षावन के पक्षियों की 77 प्रजातियों की जांच की जो ठंडे, अंधेरे जंगल से गर्म, सूरज की रोशनी के बीच में रहते हैं। जो पक्षी गर्म और सूखे की स्थति में रहते हैं उनमें ज्यादा बदलाव देखा गया है। ये पक्षी ठंडे जंगल में रहने वाले पक्षियों की तुलना में ज्यादा उड़ते हैं। इन्होंने अपने पंखों के वजन को कम करके गर्म जलवायु में आसानी से उड़ने के लिए अनुकूलन किया है।

 

 

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