प्रेमचंद की कहानियां वर्तमान समय में कही अधिक प्रासंगिक है–डॉ इरशाद अहमद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
31 जुलाई को प्रेमचंद जयन्ती के अवसर पर चाँद बाबू हमीदिया बिल्डिंग, कर्बला बाज़ार पर जनाब जफ़र रानी पूरी की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस प्रोग्राम में के आयोजक श्री जबीउल्ला अंसारी ने आगन्तुक कवियों और वक्ताओ का स्वागत किया और प्रोग्राम की रूप रेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुंशी प्रेमचंद की उर्दू की रचनाओं और उनकी उर्दु प्रेम पर रोशनी डाली।
इस अवसर पर डॉ इरशाद अहमद की ताज़ा किताब”सीवान के लेखक और कवि- 1 , विपिन कुमार शरर का काव्य संग्रह लफ्ज़ों की धड़कन, और ज़फ़र रानी पूरी की ग़ज़ल संग्रह एहसास का सफर का लोकापर्ण विशिष्ट अतिथि डॉ ज़ाहिदऔर डॉ अशरफ़ के हाथों से हुआ। मुहम्मद शाहिद ने प्रेम चंद के उपन्यास निर्मला के कथ्य और शिल्प पर विस्तार से चर्चा की।
डॉ इरशाद अहमद ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी कहानियों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए। इस प्रोग्राम के दूसरे सेशन में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें एहसानुल्लाह एहसान, ज़की हाशमी, नूर सुल्तानी, मेराजुद्दीन तशना, मोइज बहमनबरवी, परवेज़ अशरफ़, और विपिन शर्मा शरर ने अपनी अपनी रचनाओं से खुब वाहा वाही लूटी। मंच का संचालन डॉ समी बहुवारवी ने सफलता पूर्वक किया।
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