अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पांच वर्ष नौ नवंबर को पूरे हो जाएंगे
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत होंगे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीठ के अन्य न्यायाधीश पहले ही हो चुके हैं रिटायर
जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा पीठ में शामिल बाकी चार न्यायाधीश पहले ही सेवानिवृत हो चुके हैं। गत जुलाई में जस्टिस चंद्रचूड़ ने अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किये थे। अभी हाल ही में अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट की दशहरे की छुट्टियों में जस्टिस चंद्रचूड़ ने पैतृक गांव के दौरे के दौरान कहा था कि अयोध्या विवाद के समाधान के लिए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी। उनका यह बयान काफी चर्चित हुआ था।
कोर्ट ने माना था राम जन्मभूमि
उन्होंने पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कानहेरसर के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कई बार हमारे पास केस होता है लेकिन उसका समाधान नहीं निकल पाता. अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में ठीक ऐसा ही हुआ. यह मामला तीन महीनों तक मेरे पास रहा. मैं भगवान के सामने बैठ गया और उनसे प्रार्थना की कि कुछ ना कुछ हल निकालना होगा.
सीजेआई ने कहा कि मेरा विश्वास कीजिए, अगर आप आस्था रखते हैं तो भगवान कोई न कोई रास्ता खोज निकाल ही लेता है. उन्होंने कहा कि सभी को समुदायों की रक्षा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन न केवल समृद्ध समाजों को बल्कि सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करता है.
10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं सीजेआई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. 8 नवंबर को उनका आखिरी वर्किंग डे होगा. 9 नवंबर 2022 को उन्हें चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था. उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस रहे थे. डीवाई चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस संजीव खन्ना अगले चीफ जस्टिस होंगे.