आतंकी कई घंटे पैदल चलकर बैसरन घाटी पहुंचे थे- एनआईए
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पहलगाम हमले के लिए आतंकी पूरी तरह तैयार होकर आए थे. घंटों घने जंगलों में पैदल चलकर आतंकी पहलगाम पहुंचे थे. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, कई लोग अस्पताल में भर्ती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हमले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया है. बुधवार से ही NIA की टीम इलाके में कैंप कर रही है. कई प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की है. लगातार जांच जारी है.
एनआईए को पूछताछ में कई अहम सुराग भी मिले थे. एनआईए के एक बयान में कहा कि जांच टीम आतंकवादियों के बारे में सुराग हासिल करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की गहन छानबीन कर रही हैं. फॉरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की सहायता से टीम पूरे इलाके की गहन जांच में लगी है. ताकि उस आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके. हमले की कड़ियों को जोड़ने के लिए एनआईए प्रत्यक्षदर्शियों से बारीकी से पूछताछ कर रही है.
कई किलोमीटर पैदल चलकर आतंकियों ने किया था हमला
न्यूज चैनल आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार आतंकी कई घंटे पैदल चलकर बैसरन घाटी में पहुंचे थे. उन्होंने पहचान पूछकर गोलीबारी की. आतंकियों ने हमले के लिए एके-47 और एम 4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया था. घटनास्थल पर इन हथियारों के कारतूस भी मिले हैं. एनआईए ने अपनी जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि नृशंस आतंकवादी हमले की शुरुआती छानबीन से पता चलता है कि आतंकियों की संख्या पांच से सात तक थी.हमलावरों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण प्राप्त कम से कम दो स्थानीय आतंकवादियों से भी मदद मिली थी.
तीन संदिग्ध आतंकियों की हुई है पहचान!
पहलगाम हमले में शामिल तीन संदिग्ध आतंकियों की पहचान की है. सुरक्षा एजेंसियों ने हमले में शामिल संलिप्तता के संदेह में तीन आतंकवादियों के रेखाचित्र भी जारी कर दिए हैं. एनआईए ने बताया कि तीनों पाकिस्तानी हैं और इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों के बारे में सूचना देने वाले को 20-20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. सबसे बड़ी बात की प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से पता चला है कि आतंकवादियों ने अपने बर्बर कृत्य को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरों का इस्तेमाल किया था।
प्रत्यक्षदर्शियों से हो रही पूछताछ
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है. एनआईए की टीम एक-एक सुराग की गहन जांच कर रही है. प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है. एनआईए के बयान के अनुसार आतंकवाद रोधी एजेंसी के एक महानिरीक्षक, एक उपमहानिरीक्षक और एक अधीक्षक की निगरानी में गठित टीम जम्मू-कश्मीर में पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए हमले के प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही हैं.
एनआईए अधिकारियों की अलग-अलग टीम आतंकवादी हमले में जीवित बचे लोगों से जानकारी लेने के लिए देश भर का दौरा कर रही हैं. बताया जा रहा है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने कराया था.
पहलगाम आतंकी हमले के कसूरवारों की खैर नहीं है. हमले की जांच का जिम्मा एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया है. NIA लगातार प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा एनआईए की टीम आतंकवादियों के बारे में सुराग हासिल करने के लिए उनके प्रवेश और जाने वाले जगहों की गहन जांच कर रही हैं. इस काम के लिए एनआईए फॉरेंसिक समेत अन्य विशेषज्ञों की मदद भी ले रही है. टीम आतंकवादी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सबूत जुटाने में लगी है.
न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक एनआईए की टीम को ऐसा गवाह मिला है जो हमले के दौरान एक पेड़ पर चढ़कर पूरे आतंकी हमले को रिकॉर्ड कर लिया है. एनआईए का कहना है कि इससे आतंकियों के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं.
जो रिकॉर्डिंग में उसके अनुसार हमले से कुछ समय पहले दो आतंकवादी दुकानों के पीछे छिपे हुए थे. इसके बाद आतंकी बाहर आए, आतंकियों ने लोगों से कलमा पढ़ने को कहा, अचानक से गोलीबारी शुरू कर दी. हमले में चार लोगों को मौके पर ही मौत हो गई. पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. लोग डरकर इधर-उधर भागने लगे. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए की टीम कर रही है जांच
अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की टीम हमला स्थल पर बुधवार से ही डेरा डाले हुए हैं. टीम सबूतों की तलाश में तेजी से जुटी हुई है. एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले की जांच अपने हाथ में लिया है. NIA की टीमें चश्मदीदों से लगातार पूछताछ कर रही हैं. उनसे मिली जानकारी को इकट्ठा कर टीम एक नतीजे पर पहुंचने की कोशिश में जुटी हुई है. कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी को पुलवामा हमले के बाद का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी तंत्र के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का बड़ा बयान सामने आया है. मुफ्ती महबूबा ने रविवार को कहा कि केंद्र को सावधानी से कदम उठाना चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े.
सोशल मीडिया एक्स पर मुफ्ती ने कहा “भारत सरकार को हाल में पहलगाम हमले के बाद सावधानी से काम लेना चाहिए और आतंकवादियों तथा नागरिकों के बीच अंतर करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिये किे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान निर्दोष लोगों, खासकर आतंकवाद का विरोध करने वाले किसी भी तरह से प्रभावित न हों.
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