छठ महापर्व में पूरा परिवार एक साथ जुटता है

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श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान, बिहार

आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय और खरना के बाद तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि गुरुवार को संध्याकाल में अस्ताचलगामी यानि डूबते हुए सूर्य देव को व्रतियों ने अर्घ्य दिया।

इस दिन व्रती अहले सुबह उठ स्नान पूजा कर फिर पुड़ी, ठेकुआ प्रसाद बनाई। वही बाजारों में फल और कपड़ों की दुकानों पर कल की तरह भीड़ रही।

छठ पूजा के तीसरे दिन व्रतियों ने नदी, तालाब और जलाशय किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय सिरसोप्ता के पास बैठकर पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर सूर्य देव और छठी मईया की विधिवत् पूजा की। फिर व्रतियों ने अस्त होते हुए भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया।

इसके बाद घर पर व्रतियों ने परिवार के सदस्यों के साथ छठी मईया को फल,मूल, ठेकुआ, पुड़ी को ढकनी में रख बीच में चौमुखी दीपक जलाया और ईख को चारों तरफ से खड़ा कर कोसी भरा और छठी मईया के गीत गाकर आशीष मांगा।

ग्राम पंचायत राज बगौरा पश्चिमी के BDC भीम सिंह ने बगौरा के शिवाला उमानाथ के मंदिर सहित छठ घाट को बड़े ही सुंदर ढंग से सजवाया हैं। यहां तक कि व्रतियों को छठ घाट तक जाने में कोई परेशानी न हो इसको देखते हुए टूटे-फूटे सड़कों को ईट, मिट्टी और बालू से मरम्मत कराया और सड़कों के किनारे रोशनी की भी व्यवस्था की हैं।

उन्होंने ने कहा कि बगौरा के शिवाला छठ घाट पर 10 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ होती हैं। यहां दूर दूर से लोंग छठ पूजा देखने के लिए आते हैं।
वही दारौंदा प्रखण्ड के R.O. मैडम प्रशासन सहित मौजूद रही।

कहा जाता हैं कि छठ महापर्व शुद्धता और पवित्रता का पर्व है। इस पर्व से लोगों का गहरी आस्था और भावना जुड़ी हुई हैं।
यही एक महापर्व है कि पूरा परिवार एक साथ जुटता हैं।

 

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