पटना के निजी अस्पताल में महिला से दुष्कर्म का लगा था आरोप, इलाज
के दौरान मौत के बाद बढ़ा विवाद
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क :
पटना के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में कोविड-19 संक्रमण का इलाज करा रही उस महिला की मौत हो गई है, जिसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म का आरोप सामने आया था। इस मामले में दुष्कर्म का आरोप अस्पताल के ही स्टाफ पर लगा था। महिला की बेटी ने एक वीडियो बनाया था, जिसके आधार पर मरीज के साथ गैंगरेप होने की बात कही जा रही थी। हालांकि बाद में महिला की बेटी ने कहा था कि उसने कोई वीडियो वायरल नहीं किया है और न ही कोई प्राथमिकी दर्ज कराई है। महिला की मौत की खबर मिलने के बाद शास्त्रीनगर थाने की पुलिस और मजिस्ट्रेट अस्पताल पहुंचे हैं। प्रशासन की टीम महिला की बेटी का बयान लेगी। ताजा जानकारी के अनुसार तीन थानों की पुलिस अस्पताल में पहुंच चुकी है।
अस्पताल में इस महिला मरीज की मौत के बाद सियासत तेज हो गई है। जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गांव की रहने वाली उस महिला को मार दिया गया। उन्होंने कहा कि महिला का ऑक्सीजन लेवल 89 था और उसके फेफड़े भी बहुत अधिक संक्रमित नहीं थे। इसके बावजूद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया तभी यह तय हो गया था कि दुष्कर्म का पाप छिपाने के लिए उसे मार दिया जाएगा। बिहार महिला समाज की अध्यक्ष निवेदिता झा ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच उच्च स्तरीय टीम से कराने की मांग की है।
अस्पताल प्रशासन ने दावा किया था कि इस महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह बार-बार मेडिकल उपकरणों को निकाल देती है। जिस वार्ड में महिला का इलाज हो रहा है, वहां और भी कई मरीज भर्ती हैं। जैसा आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ वहां हो ही नहीं सकता। वीडियो वायरल होने के बाद भी पुलिस ने अस्पताल जाकर जांच की थी और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगाला था।
इस मामले में महिला की बेटी ने बाद में कहा था कि उसकी मां ने उसे इशारों में कुछ बताया है और कुछ बोलकर भी। लेकिन, इससे वह अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। उसने कहा था कि उसकी मां का इलाज हो जाए और वे ठीक हो जाएं। इसके बाद वे सब कुछ खुद ही बताएंगी कि उनके साथ क्या हुआ। बताया जा रहा है कि आज सुबह करीब 5.20 बजे महिला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद बेटी ने थाने लिखित शिकायत दे दी है। इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने इलाज के बिल के 1.60 लाख रुपए माफ कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि महिला नालंदा की रहने वाली थी। वह आंगनबाड़ी सेविका थी। फर्द बयान लेने वाले पुलिस पदाधिकारी की मानें तो महिला की बेटी अभी कुछ भी स्प्ष्ट नहीं बोल रही है। बयान के आधार पर केस दर्ज होगा। इंस्पेक्टर रामशंकर सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है। पुलिस टीम अभी अस्पताल में ही मौजूद है। टीम के थाने पर आने के बाद बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
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