बिहार में 21 हजार ऐसे वोटर है जो 100 वसंत देख चुके हैं!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार को युवाओं का राज्य कहा जाता है, लेकिन चुनाव आयोग ने जो ताजा आंकड़ा जारी किया है उसमें कई चौंकानेवाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. चुनाव आयोग के अनुसार बिहार के 21 हजार से अधिक वोटर अपनी उम्र का शतक लगा चुके हैं. ये जानकारी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार दौरे पर आई चुनाव आयोग की टीम की रिपोर्ट से सामने आई है. बिहार में बेशक युवाओं की संख्या 2 करोड़ से अधिक अधिक है, लेकिन बिहार में 21,689 वोटर ऐसे हैं जो 100 साल से अधिक उम्र पार कर चुके हैं.

वोटरों ने मतदान करने की अपील

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि चुनाव आयोग बिहार में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव कराने को लेकर पूरी तरह तैयार है. यहां के राजनीतिक दलों ने कई सुझाव दिए हैं. बिहार में 40 सीट हैं. इनमें 34 जनरल और छह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. राजीव कुमार ने बताया कि बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या 2019 की अपेक्षा बढ़ी है. उन्होंने मतदाताओं से भी अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की.

बिहार में कुल कितने हैं वोटर?

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.64 करोड़ है. इनमें से 2 करोड़ से अधिक 30 वर्ष से कम आयु के हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में 9.26 लाख वोटर्स पहली बार मतदान करेंगे. बिहार में 7.64 करोड़ वोटर हैं, इनमें 4 करोड़ पुरुष और 3.6 महिला मतदाता है. 21,689 वोटर की उम्र 100 साल से अधिक है और 9.26 लाख फर्स्ट टाइम वोटर हैं. मतदाताओं की मौत या उनका स्थान बदलने के कारण आयोग ने 16.7 लाख वोटरों के नाम हटा दिए हैं.

आयोग ने सुनी दलों की राय

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पार्टियों में आप, बीएसपी, बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई(एम) के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों जेडीयू, आरजेडी, लोजपा, लोजपा-रामविलास, सीपीआई-एमएल के नेताओं से मुलाकात की गई. इन दलों ने अपनी कुछ मांगें रखी हैं. इनमें से कुछ दलों ने कहा कि मतदाता सूची में जो नाम हटे हैं उसपर आयोग आश्वस्त हो जाए और सूची में कोई कमी रह गई है तो उसे ठीक कर दिया जाए. इसके अलावा जिन वोटर्स के जो नाम जुड़े हैं उन्हें वोटर कार्ड समय पर पहुंच जाएं.

राजनीतिक पार्टियों ने रखी अपनी मांग

राजीव कुमार ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों की मांग है कि सभी मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती हो. 72 घंटे से पहले गश्ती बढ़ाई जाए ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा न हो. अगर कोई किसी और की जगह वोट देने आता है तो उनपर कार्रवाई हो और गिरफ्तारी हो. वहीं, एक पार्टी ने कहा कि उन्हें केवल पांच गाड़ी मिलती है. राज्य बड़ा है ऐसे में प्रचार के लिए और वाहन दिए जाएं. इसके अलावा एक मांग यह की गई है कि पोस्टल बैलट की गिनती समय पर हो. ईवीएम को लेकर पूरी जानकारी दी जाए.

 

 

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