सीवान में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम की है दरकार
सीवान का बिजली संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी है खस्ताहाल
भविष्य में बढ़ेगी और बिजली की मांग तो अभी यदि दीर्घकालिक कार्ययोजना पर हो काम तो भविष्य में भी मिलेगी राहत
✍️डॉक्टर गणेश दत्त पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान। वर्ष 2022 में गर्मी महसूस हुई। साल 2023 में थोड़ी बढ़ी गर्मी महसूस की गई। साल 2024 में तो तपिश ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हर घर में एसी, कूलर की डिमांड महसूस की जाने लगी। बाजार ने भी इस अवसर को पहचाना और तमाम ऑफर एसी खरीदने के लिए भी उपलब्ध करा दिए। जो भी थोड़े समृद्ध थे, उन्होंने अपने परिवार के लिए एसी खरीद लिए। परिणाम हुआ कि सिवान में बिजली आपूर्ति की तुलना में खपत में अतिशय वृद्धि दर्ज की गई। सीवान में बिजली व्यवस्था का इन्फ्रास्ट्रक्चर वैसे ही खस्ताहाल था, जब डिमांड बढ़ी तो ट्रांसफार्मर ट्रिप करने लगे।
बिजली व्यवस्था को जैसे तैसे संभाला गया तब तक जिले में मुहर्रम का त्योहार आ गया। मुहर्रम के दौरान किसी अनहोनी की आशंका को टालने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर लंबी अवधि की बिजली कटौती की गई। महावीरी अखाड़ा और दुर्गा पूजा के दौरान प्रतिमा विसर्जन के समय भी लंबी अवधि की बिजली कटौती की जाती रही है।
कुछ प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि विगत दिवस जुलूस के दौरान तारों पर कुछ लाठियां गिर गईं और जो बिजली रात 12 बजे तक आ जानी थी, वह उस सुबह 4 बजे आई। कई इलाकों में बिजली आने में और भी टाइम लगा। बिजली कंपनी के अधिकारी कर्मचारी परेशान होते रहे। आम लोग नाराज हुए। हसनपुरा, बड़हरिया के साथ नगर के चमड़ा मंडी और बाबुनिया मोड़ पर लोग सड़क पर उतर आए।
मामला जिलाधिकारी श्री मुकुल कुमार गुप्ता के संज्ञान में आया और उन्होंने तत्काल पहल करते हुए बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ मीटिंग की और तत्कालिक तौर पर व्यवस्था के सुधार के लिए कई कदम उठाने के निर्देश दिए। परंतु सीवान के बिजली व्यवस्था से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद खस्ताहाल है। सीवान की बिजली समस्या के स्थाई सुधार के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम की आवश्यकता है। स्मार्ट मीटर और अन्य राजस्व संग्रहण व्यवस्था में बेहतरी के कारण बिजली कंपनी आज इतनी सक्षम है कि सिवान के बिजली व्यवस्था संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के काम को दीर्घकालिक योजना के तौर पर लागू किया जा सकता है।
सीवान के कई मोहल्लों की स्थिति यह है कि वहां दस वर्ष पूर्व ट्रांसफार्मर लगे। मुहल्ले का विकास हुआ। बसावट बढ़ी। घरों में एसी कूलर, फ्रिज आदि की व्यवस्थाएं बढ़ी। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगी। ई रिक्शा चार्जिंग की व्यवस्थाएं बढ़ी लेकिन ट्रांसफार्मर वहीं रहा। उदाहरण के तौर पर श्रीनगर के अयोध्यापुरी में गली नंबर एक और दो के लिए मात्र एक 200 kv का ट्रांसफार्मर विगत दस पंद्रह साल से लगा हुआ है जबकि बसाहट बढ़ी। प्रत्येक घर में एसी, गीजर, ओवन जैसे इलेक्ट्रिक उपकरणों की संख्या बढ़ी। इस बार गर्मी में वहां बार बार ट्रांसफार्मर ट्रिप होता रहा और एक दिन भयंकर आग के साथ जल भी गया। फिर दूसरा ट्रांसफार्मर भी लगा लेकिन वह भी रो गाकर ही चल रहा है। कब जल जाए कोई भरोसा नहीं?
जिले में बिजली के तारों की सेहत भी दुरुस्त नहीं है। कुछ इलाकों में बिजली कंपनी ने नए तार बिछाएं हैं लेकिन अभी भी पुराने तार कई इलाकों में हैं। ग्रामीण इलाकों में तो बिजली के तारों की चोरी तक हो जाया करती है। जिले में फैले बिजली के तार इतने जर्जर हैं कि बारिश के दिनों में बार बार टूटते हैं और बिजली व्यवस्था उमस भरी गर्मी में बार बार बाधित होती है। गर्मी के दिनों में हाई टेंशन तारों की टकराहट से गेहूं आदि फसलों में आग लगने की घटनाएं भी आम बात है।
नगर के जे पी चौक के पास तो हाई टेंशन तार बेहद कमजोर बिजली के पोल से जा रहे हैं। कई इलाकों में ट्रांसफार्मर आवश्यकता के लिहाज से अल्प क्षमता के हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सिवान जिले में बिजली व्यवस्था का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहद खस्ताहाल है। ऐसे में यहां के बिजली व्यवस्था में स्थाई सुधार के लिए बहुत जरूरी है कि यहां के बिजली संबंधी सुधार के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए। इसके लिए दीर्घकालिक योजना पर काम करना होगा।
सीवान बदल रहा है। राम जानकी पथ के निर्माण, मैरवा में मेडिकल कॉलेज के निर्माण, बड़हरिया रोड के पास मेडिकल हब के विकास, फूड प्रोसेसिंग संयंत्रों के विकास, लोगों के आय क्षमता में वृद्धि से उनके द्वारा इलेक्ट्रिक उपकरणों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से तापमान में बढ़ोतरी आदि के कारण भविष्य में सीवान में बिजली की खपत में बेतहाशा बढ़ोतरी का अनुमान भी लगाया जा रहा है।
ऐसे में वर्तमान बिजली का इन्फ्रास्ट्रक्चर आवश्यकता के लिहाज से नाकाफी हैं। साल दर साल गर्मी और बढ़ेगी क्योंकि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का नकारात्मक असर सीवान पर भी पड़ेगा। बिजली की डिमांड बढ़ेगी और जब आपूर्ति नहीं होगी तो कानून और व्यवस्था संबंधी चुनौतियां भी उत्पन्न होंगी।
इसलिए बेहद जरूरी है कि सीवान के बिजली व्यवस्था से संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दीर्घकालिक योजना पर बिजली कंपनी काम करे। जिला प्रशासन उसको आवश्यक मदद प्रदान करें। सीवान के जन प्रतिनिधि भी इस काम में मदद करें।
साथ ही सीवान में ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत सौर ऊर्जा के विकास और प्रसार पर भी ध्यान दिया जाए। जनता भी बिजली के सदुपयोग और बचत के प्रति जागरूक बने। सीवान में बिजली व्यवस्था में स्थाई सुधार के लिए बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए बहुस्तरीय प्रयासों में समन्वय और सामंजस्य की आवश्यकता है।
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