सर्दी के मौसम में बच्चों में संक्रमण की प्रबल संभावना
कई तरह के संक्रमित बीमारियों से बचाव को लेकर रहें सतर्क: सिविल सर्जन
बच्चों के सिर को हमेशा टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए: डॉ प्रेम
मां के शरीर से मिलने वाली ऊर्जा से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मिलता है बढ़ावा: गृहिणी
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
ज़िले सहित अन्य हिस्सों में शीतलहर के साथ ही पछुआ हवा का प्रकोप लगातार जारी है। सर्दियों में हमारी इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। इसके चलते हम आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, जिसकी वजह से सर्दी-जुकाम से लेकर वायरल फीवर तक हो जाता है। ऐसे में अभी सर्दी में खुद का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखते हुए इस मौसम में सेहतमंद रहा जा सकता है।
कई तरह के संक्रमित बीमारियों से बचाव को लेकर रहें सतर्क: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि सर्दी के मौसम में, खासकर शीतलहर के दौरान अपने शरीर को सर्द हवाओं से बचाना बेहद जरूरी है। इसीलिए इस मौसम में जब भी घर से बाहर निकलें, तो पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर ही निकलें। कान, गले और सिर को ठंड से बचाकर रखना बेहद जरूरी है। अलाव या हीटर का भी सावधानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने खानपान में उचित बदलाव करते हुए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाना चाहिए। इसके अलावा शीतलहर वाले मौसम में ज्यादा से ज्यादा गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन करें। अंडे, गुड़, नट्स, लहसुन, अदरक, हल्दी, मेथी और खजूर आदि का सेवन लाभदायक है।
बच्चों के सिर को हमेशा टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए: डॉ प्रेम
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एसएनसीयू के प्रभारी डॉ प्रेम कुमार का कहना है कि बच्चों को ठंड लगने पर सर्दी-जुकाम, बुखार के साथ-साथ स्किन का फटना, ड्राइनेस सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे बचाव के लिए उन्हें सही तरह से ढक कर रखने के साथ-साथ पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाने की आवश्यकता है। बच्चों को सबसे अधिक ठंड उनके सिर, तलवे, नाक व हाथों में लगती है। इसीलिए अपने बच्चों के सिर को हमेशा टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। इसी तरह मोजे पहनाना, बच्चों के नाक को गर्म हाथों से मालिश व पूरे शरीर को गर्म तेज हाथों से मसाज कारगर उपाय है। बच्चों के हाथों को ढक कर रखना भी जरूरी है। दिन व रात में सोते समय स्वेटर, मोजे व टोपी उतार कर सुलाना बच्चों की सेहत के लिए अच्छा होता है।
मां के शरीर से मिलने वाली ऊर्जा से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मिलता है बढ़ावा: गृहिणी
माता स्थान निवासी गृहिणी शिखा कुमारी ने बताया कि ठंढ के मौसम में नौनिहालों को गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए। सुबह में ठंडी हवा के कारण हाथों में ठिठुरन, शरीर में कंपन से बचाव के लिए हलके गुनगुने पानी का सेवन अधिक से अधिक करने के साथ ही गर्म पानी से ही बच्चों को नहलाएं। दिन में तेल मालिश कर धूप सेंकने से बच्चों का ख्याल रखा जा सकता है। ठंड से बचाव के लिए शिशुओं को सीने से लगाकर रखना चाहिए। मां के शरीर से मिलने वाली ऊर्जा नवजात के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा देती है। पिछले कई दिनों से धूप तो खिल रहा है लेकिन कनकनी में इजाफा हुआ है। जो शिशुओं व बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसे में उचित देखभाल से ही उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। सर्दी से नवजात शिशु ठंड की चपेट में आकर निमोनिया से ग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखें।