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सिस्टम की गड़बड़ी के कोई ठोस सबूत नहीं- सुप्रीम कोर्ट

सिस्टम की गड़बड़ी के कोई ठोस सबूत नहीं- सुप्रीम कोर्ट

सत्य की जीत हुई है-शिक्षा मंत्री

दोबारा नहीं होगी नीट परीक्षा- सुप्रीम कोर्ट

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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NEET-UG मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते, सत्य की जीत हुई। केंद्र सरकार कहती रही है कि बड़े पैमाने पर पेपर लीक नहीं हुआ है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही ठहराया है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) दो दिनों के भीतर नीट-यूजी के अंतिम परिणाम घोषित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

मंगलवार को नीट-यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित तरीके से लीक होने के सबूत नहीं है। परीक्षा को दोबारा आयोजित कराना न्याय संगत नहीं होगा। इसके बाद शीर्ष अदालत ने दोबारा परीक्षा कराने से इंकार कर दिया।

नीट यूजी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले।

इसपर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है,उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा। SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने अपनी दलील में कहा है कि ये साफ है कि 4 मई को स्टूडेंट्स को पेपर मिल चुका था। उन्होंने पेपर के सही जवाब याद किए और फिर भी फेल हो गए। पेपर लीक के लिए लंबी टाइमलाइन जरूरी है, कम समय में ये हो ही नहीं सकता।

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने रखा ये प्रस्ताव

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने एनईईटी यूजी से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान, प्रश्न पत्र के भौतिकी भाग में विवादास्पद प्रश्न के सही उत्तर के रूप में विकल्प 4 को चिह्नित करने वालों को पूरे अंक देने और विकल्प 2 को सही उत्तर के रूप में चिह्नित करने वालों के कोई अंक नहीं काटने का प्रस्ताव रखा।

‘इस सरकार के दौरान हर परीक्षा में लीक क्यों’

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने से इनकार कर दिया है। इसपर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, ‘…उन्होंने इस बारे में सबूत मांगे कि पेपर किस हद तक लीक हुआ था। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह स्थानीय स्तर पर है…इस सरकार के दौरान हर परीक्षा में लीक क्यों हो रहे हैं? ये किसके फायदे के लिए लीक हो रहे हैं? वे कौन लोग हैं जो बिना योग्यता के नौकरी पा गए हैं? नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को पूरी तरह से नया रूप देने की ज़रूरत है…।’

IIT-दिल्ली के रिपोर्ट को सुनवाई के दौरान किया पेश

इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। वहीं, सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई ने रिपोर्ट में लिखी बातों का हवाला दिया और कहा, ‘हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है। आईआईटी निदेशक रंगन बनर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की और वे बताते हैं कि तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की। टीम का कहना है कि चौथा विकल्प सही जवाब है।’

न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा के बीच तल्ख बहसबाजी हुई। मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा को फटकार भी लगाई। दरअसल, नेदुम्परा कथिर तौर पर अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा को बीच में रोक रहे थे। उस वक्त हुड्डा पीठ को संबोधित कर रहे थे और वह एक याचिकाकर्ता की तरफ से अपना पक्ष रख रहे थे।

बीच में टोकने पर बढ़ी तल्खी

मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठ अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा से अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा की दलीलें पूरी होने तक इंतजार करने को कहा। मगर वह नहीं रुके और बीच में टोकना जारी रखा। मैथ्यूज ने कहा कि वह सर्वोच्च अदालत के समक्ष सभी वकीलों में सबसे वरिष्ठ हैं।

मैथ्यूज बोले- मैं एमिकस हूं

मैथ्यूज नेदुम्परा ने कहा कि मैं एमिकस हूं और मैं जवाब दे सकता हूं। इसके जवाब में सीजेआई ने कहा कि उन्होंने कोई एमिकस की नियुक्ति नहीं की है। इसके बाद भी वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्य न्याधीश को जवाब देना जारी रखा। अधिवक्ता ने कहा कि मैं जा रहा हूं। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप यहां बैठिए और अभी शांत रहिए। अगर जाना चाहते हैं तो यह आपकी इच्छा है।

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