बजट में बिहार को सीधे तौर पर कोई सौगात नहीं,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय बजट को सकारात्मक और स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा है कि पिछले दो वर्षों से देश का विकास कोरोना के कारण प्रभावित रहा है। इन विषम परिस्थितियों से निकलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपने बजट में देश के विकास की गति को बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाये गये हैं, जो सराहनीय है। संतुलित बजट पेश करने के लिए मैं केंद्र सरकार को बधाई देता हूं। केंद्र सरकार के द्वारा देश में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना के निर्माण का निर्णय भी स्वागत योग्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा अपने संसाधनों से गंगा के दोनों किनारों के 13 जिलों में जैविक कोरिडोर विकसित किया जा रहा है। इस वर्ष केंद्रीय बजट में गंगा के किनारे पांच किलोमीटर के स्ट्रेच में प्राकृतिक खेती का कोरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार का यह कदम भी सराहनीय है। इस बजट में धान एवं गेहूं की अधिप्राप्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
इससे किसानों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 80 लाख नये आवास बनाने की घोषणा हुई है। यह स्वागत योग्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में इस वर्ष एवं अगले वर्ष अधिक राशि प्राप्त होगी। इससे राज्य सरकारों की वित्तीय गठिनाइयां कम होंगी और राज्यों को राहत मिलेगी।
सरकार के इस बजट में 60 लाख नौकरी की भी बात की गयी है. बिहार के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा. वहीं 2022-23 के दौरान 25 हजार किमी तक राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार किया जाएगा जिससे बिहार के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. कुल मिलाकर इस बजट में बिहार को सीधे तौर पर कोई सौगात नहीं मिला है लेकिन कई ऐसी घोषणाएं भी इसमें शामिल हैं जिसका फायदा बिहार को भी मिलेगा.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों से बिहार को भी उम्मीद
चेंबर ऑफ कॉमर्स में एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि इस बजट में पीएम गतिशक्ति योजना अद्भुत है. इसके तहत 400 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की घोषणा की गयी है. इस ट्रेन को भाया बिहार भी चलाया जाएगा और इससे प्रदेश को भी लाभ मिलेगा.
बिहार के किसानों को भी मिलेगा फायदा?
विशेषज्ञ ने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए आर्गेनिक खेती का सरकार के द्वारा प्रोत्साहन मिलना बिहार के किसानों के लिए भी लाभकारी रहेगा. गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती की घोषणा के बाद बिहार के किसानों को लाभ मिल सकता है. बताया कि बिहार में गंगा किनारे खेती पर बड़ी तादाद में किसान निर्भर हैं.
इस बजट से किसानों को मिल सकता है लाभ
बजट में की गई एक और महत्वपूर्ण घोषणा से बिहार को सीधा लाभ मिल सकता है. वह है गंगा नदी के किनारे ऑर्गेनिक खेती. हालांकि बिहार में नदी किनारे खेती की व्यवस्था पहले से चली आ रही है. बिहार के बक्सर से लेकर झारखंड में गंगा के प्रवेश द्वार तक नदी किनारे खेती की जाती रही है. लेकिन, बजट में गंगा किनारे ऑर्गेनिक खेती की घोषणा के बाद प्रदेश के किसानों को लाभ मिल सकता है.
वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केन्द्रीय बजट को विकसित राज्यों के लिए ऐतिहासिक, परन्तु बिहार के लिए निराशाजनक बताया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर हमसभी बिहारवासियों को निराश किया है।