Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
लोकतांत्रिक व्यवस्था में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं - श्रीनारद मीडिया

लोकतांत्रिक व्यवस्था में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं

लोकतांत्रिक व्यवस्था में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संघ ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बलों और केंद्रीय एजेंसियों सहित सरकार से तत्काल शांति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाने की अपील की। मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई हिंसा अब भी जारी है।RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक बयान में मणिपुर में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए जरूरी एक्शन के साथ-साथ हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों को राहत सामग्री की सप्लाय सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में नफरत और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। दोनों पक्षों को विश्वास की कमी को दूर करना चाहिए, जिससे वर्तमान संकट पैदा हुआ है और शांति बहाल करने के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए।RSS नागरिक समाज, राजनीतिक समूहों और मणिपुर की आम जनता से भी अपील करता है कि वे वर्तमान ‘अराजक और हिंसक स्थिति’ को समाप्त करने के लिए हरसंभव पहल करें और मानव जीवन की सुरक्षा और स्थायी शांति सुनिश्चित करें।

होसबोले ने कहा कि भयानक दुख की इस घड़ी में RSS पचास हजार से अधिक विस्थापित लोगों और अन्य पीड़ितों के साथ खड़ा है।बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। राज्य सरकार ने 11 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी हैं।

मणिपुर से CM ने मिजोरम के CM से मदद मांगी
मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह ने मिजोरम के CM जोरमथांगा से राज्य में शांति बहाली के लिए मदद मांगी है। जोरमथांगा ने ट्विटर पर कहा कि उनकी सरकार मणिपुर में चल रही हिंसा से दुखी है और हिंसा खत्म करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। मिजोरम में रह रहे मैतेई लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। हम उनकी सुरक्षा करेंगे।

मैंने मणिपुर के CM को भी बताया कि हम, मिजोरम के लोग मैतेई के प्रति सहानुभूति रखते हैं और सरकार और NGO ने शांति और सुरक्षा के लिए उपाय किए हैं।

मणिपुर में लोगों ने घरों पर लिखा-ये मुसलमानों का एरिया, ताकि हिंसा से बच सकें

मणिपुर की 32 लाख की आबादी में पांगल मुस्लिम लगभग ढाई लाख हैं।
मणिपुर की 32 लाख की आबादी में पांगल मुस्लिम लगभग ढाई लाख हैं।

मणिपुर में मैतेई-कुकी हिंसा के बीच मुस्लिम मैतेई समुदाय (पांगल) के लोगों ने अपने घरों के बाहर खुद के मुसलमान होने के बारे में लिखा हुआ है।

कुकी हमलावर उन्हें मैतेई हिंदू न समझ लें इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।

मणिपुर की 32 लाख की आबादी में पांगल मुस्लिम लगभग ढाई लाख हैं। बिष्णुपुर के क्वाक्ता गांव के अली बताते हैं कि हमें अपनी जान की फिक्र है।

राज्य में 46 दिन से हिंसा जारी है। शुक्रवार रात सेना, असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स और राज्य पुलिस ने आधी रात तक फ्लैग मार्च किया।

वहीं, कांग्रेस, NCP और उद्धव गुट की शिवसेना ने मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।

पढ़िए विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बयान…

  • कांग्रेस: जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर की 10 विपक्षी पार्टियों ने 10 जून को पीएम मोदी को लेटर लिखकर मिलने के लिए समय मांगा था। वे अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
  • उद्धव ठाकरे की शिवसेना: पार्टी ने सामना के संपादकीय में लिखा कि कुकी मिलिटेंट्स के हमलों में हिंदू मारे जा रहे हैं लेकिन भाजपा ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। क्या वे लोग हिंदू नहीं हैं?
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP): पार्टी ने कहा कि 3 मई से अब तक 100 से ज्यादा लोग राज्य की हिंसा में जान गंवा चुके हैं, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार अब तक शांति बहाल नहीं कर पाई है।

मणिपुर हिंसा से जुड़े अपडेट्स

  • बिष्णुपुर के फोउगक्चाओ में 15-16 जून की रात फायरिंग में 11 कुकी लोग मारे गए और 6 घायल हुए।
  • भीड़ ने पोरम्पेत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शारदा देवी और विधायक बिश्वजीत के आवास को जलाने की कोशिश की।
  • मणिपुर में 21 जून से स्कूल फिर से खोले जाएंगे।
बिष्णुपुर मणिपुर में जारी हिंसा के जवाब में बड़ी संख्या में लोगों ने मशाल जुलूस निकाला.
बिष्णुपुर मणिपुर में जारी हिंसा के जवाब में बड़ी संख्या में लोगों ने मशाल जुलूस निकाला.

1. मोरे का मिनी इंडिया दहशत में, कारोबार ठप

  • म्यांमार सीमा से सटे मणिपुर के आखिरी कस्बे मोरे को तमिल के सनराइज यूथ क्लब के लीडर वी. सागर ने बसाया था। ये मणिपुर का दिल है। अगर मोरे बीमार है, तो मणिपुर भी बीमार है। यहां तमिलों के अलावा कई बिहारी, यूपी, मारवाड़ी, बंगाली, पंजाबी और जैन सहित कई समुदाय के लोग रहते हैं। इसलिए मोरे को मिनी इंडिया भी कहते हैं। लेकिन जिस तरह के यहां अब हालात हैं, यहां रहना मुश्किल हो रहा है।
  • मोरे के तमिल संगम में रहने वाले 68 वर्षीय ए हुसैन कहते हैं कि लोग दहशत में हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो यहां से पलायन को मजबूर होना पड़ेगा। ए हुसैन का एल्युमिनियम का कारोबार है, जिसे वे म्यांमार को सप्लाई करते हैं।
  • लखनऊ के रहने वाले गार्मेंट्स कारोबारी विशाल जायसवाल भी परेशान हैं। उनका कहना है कि ‘इस इलाके से 40% लोग पहले ही पलायन कर चुके हैं। डेढ़ महीने से बिजनेस ठप है। स्कूल बंद हैं। बच्चों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। 6 लोगों के परिवार को लेकर बगैर रोजगार के जीना मुश्किल हो रहा है।
  • सिलाई मशीन चलाकर परिवार का पेट पालने वाली राजकुमारी देवी 50 साल की हैं। वे यही जन्मी हैं, लेकिन मूल रूप से बिहार के पूर्णिया की रहने वाली है। उन्होंने बताया कि तमिल संगम से राशन मिल जाता है, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा। अगर 2 महीनों तक कोई हल नहीं निकलता है तो मुझे भी पलायन करना पड़ेगा। पहले रोजाना 500-600 रुपए सिलाई मशीन से कमा लेती थी। अब तो 100 रुपए कमाना भी मुश्किल हो रहा है।’​​​​​
  • तमिल संगम के चौकीदार चिन्नू मुत्थू का कहना है कि कुकी कहते हैं घर छोड़कर नहीं जाओ, हम आपका घर नहीं जलाएंगे। मगर मैतेई के घर के बगल में कई तमिल और मद्रासियों के घर हैं, क्या आग उनके घर तक नहीं पहुंचेगी। इस सवाल के जवाब कुकी ने नहीं दिए। बस्ती खाली हो रही है।’​​​​​

क्या है तमिल संगम- मोरे में कई समुदायों को लेकर तमिल संगम बनाया गया है। इस बस्ती को तमिल संगम बस्ती कहा जाता है। इसमें दक्षिण भारतीय शैली में बना श्री अंगाला परमेश्वरी श्री मुनेश्वर मंदिर है। बस्ती में 1100-1500 परिवार हैं, जिनमें 350-400 तमिल-दक्षिण भारतीय, 600 परिवार यूपी, बिहार के और 80 मारवाड़ी, पंजाबी, जैन, ओडिया तथा अन्य समुदाय के परिवार हैं।

मोरे मणिपुर का बड़ा बिजनेस हब है। इसे साउथ-ईस्ट एशिया का गेटवे कहते हैं। इम्फाल से 108 किमी दूर है।
मोरे मणिपुर का बड़ा बिजनेस हब है। इसे साउथ-ईस्ट एशिया का गेटवे कहते हैं। इम्फाल से 108 किमी दूर है।

2. राज्य में जीवन रक्षक दवाओं की कमी
करीब 10 इलाकों में अहम सड़कों पर जाम के चलते जीवन रक्षक दवाओं की कमी है। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से गुवाहाटी से जाने वाली हर तरह के जरूरी सामान की आपूर्ति ठप है। शेष देश से मणिपुर पूरी तरह कट गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से घाटी तक पहुंचने वाले 1000 से अधिक ट्रक आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।

ITLF का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड
ट्विटर ने म्यांमार आधारित और हाल ही में मणिपुर में सक्रिय हुए इंडिजिनस ट्राइबल फोरम (ITLF) नामक जनजातीय संगठन का ट्विटर हैंडल निलंबित कर दिया है। इसके खिलाफ नफरत फैलाने की शिकायत आई थी।

Leave a Reply

error: Content is protected !!