दवा की प्राप्ति एवं वितरण की होगी सतत निगरानी, ई-औषधि पोर्टल से आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में आएगा सुधार
• बीएमएसआईसीएल से होने वाली प्राप्ति एवं बाजार से खरीदारी करने पर करनी होगी पोर्टल पर प्रविष्टि
• अब सभी प्रखंड में जरूरत के अनुसार उपलब्ध होंगे दवा एवं उपकरण
• औषधियों की वास्तविक खपत का संधारण पोर्टल पर होगा
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):
स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मुफ्त दवा कार्यक्रम को प्रभावी बनाने एवं राज्य के सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों के भंडार प्रबंधन एवं आपूर्ति श्रृंखला को स्वचालित करने के लिए डीवीडीएमएस के तहत जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले मरीजों को दवा वितरित की जा रही है। सभी प्रकार की औषधियों की वास्तविक खपत का संधारण अथवा प्रविष्टि संजीवनी प्रणाली के तहत दवा वितरण काउंटर पर भी किए जाने का निर्देश राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि जिला अंतर्गत सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ईडीएल (आवश्यक दवाओं) की सूची में चिह्नित औषधि एवं शल्य की सामग्रियों का स्टॉक जांचते हुए इसका ऑनलाइन सुनिश्चित किया जाए। दवाओं एवं सामग्रियों की प्राप्ति के बाद उनका ई औषधि पोर्टल पर अनुपालन भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
दवा व उपकरण आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में आएगा सुधार :
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली में सुधार के लिए – डीवीडीएमएस (ड्रग्स एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम) नामक सॉफ्टवेयर है, जो केयर इंडिया और सीडीएसी द्वारा तकनीकी रूप से समर्थित है| यह देखा गया था कि इस सॉफ्टवेयर के बावजूद भी आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली में स्वास्थ्य केंद्रों को परेशानी का सामना किया जा रहा था। इसलिए अब इस सॉफ्टवेयर में उन्नत सुविधाएँ जोड़ी गयी हैं| ताकि आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन सुचारू रूप से हो सके| अब सभी अस्पतालों को दवाएँ व उपकरणों की समस्या से शीघ्र निजात मिल सकेगी और नियमित समय पर सामग्री अस्पताल में उपलब्ध होगी।
अनुपलब्ध साधनों के लिए मिलेगा प्रमाणपत्र :
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अरविन्द कुमार ने बताया पहले किसी भी दवा या उपकरणों की अनुपलब्धता की स्थिति में स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा स्थानीय स्तर पर उसकी खरीद कर ली जाती थी। पर अब यह नहीं हो सकेगा| अब दवाएँ या उपकरणों की अनुपलब्धता की स्थिति में बिहार मेडिकल सर्विस एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा अनुपलब्धता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा| उसके बाद ही स्थानीय स्तर पर उसकी खरीददारी की जा सकेगी|
निश्चित समय में उपलब्ध रहेगी मांग :
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि डीवीडीएमएस सॉफ्टवेयर के अपडेट होने से अब प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों को कागजी प्रक्रिया से छुटकारा मिल सकेगा। अब स्वास्थ्य केंद्र प्रखंड से ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से अपनी अगले तीन महीने की मांग भेज देगा । तय समय में ही प्रखंड में जरूरी मांग अनुरूप दवा या उपकरण उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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