बीपीएससी शिक्षक भर्ती के जारी किए गए रिजल्ट में भी अभी छंटनी होगी,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी)ने इसपर पक्ष रखते हुए कहा कि जो रिजल्ट जारी किया गया है. वह अन्तिम नहीं है. जो रिजल्ट जारी किया गया है उसमें छंटनी भी किया जायेगा. बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने आगे कहा कि जो रिजल्ट जारी किया गया है,
वह अंतिम नहीं है. आयोग की ओर से जारी किए गए रिजल्ट में भी अभी छंटनी होगी और उसके बाद खाली हुई सीटों पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट भी जारी हो सकता है. इसके साथ ही अध्यक्ष ने यह भी साफ कर दिया कि अंदाज पर आकलन नहीं करें, कट ऑफ का इंतजार करें. आयोग बहुत जल्द शिक्षक भर्ती परीक्षा के सभी पेपर का कट-ऑफ जारी करेगा.
बताते चलें कि बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से अब तक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग के लिए परीक्षा देने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया गया है. इससे पहले उच्च माध्यमिक के रिजल्ट जारी किया गए था. इसके बाद प्राइमरी का रिजल्ट जारी किया गया. उच्च माध्यमिक के चार विषय और नौवीं-दसवीं के 10 विषयों के शिक्षकों का परिणाम शनिवार को जारी किया गया. हिंदी में 4242, बांग्ला में तीन, उर्दू में 1612, अरबी में चार, फारसी में 12, अंग्रेजी में 4001, विज्ञान में 4588, गणित में 4480 और सामाजिक विज्ञान में 5397 शिक्षक चयनित हुए हैं.
बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है. बताते चलें कि निर्धारित सीट से कम अभ्यर्थी माध्यमिक में सफल हुए हैं. उच्च माध्यमिक स्कूलों के तरह ही माध्यमिक में भी कई विषयों में निर्धारित सीट से कम अभ्यर्थी सफल हुए हैं. माध्यमिक में कुल 32,916 सीट पर भर्ती निकली थी. इसमें से 26,204 अभ्यर्थी ही पास किए हैं. बीपीएससी को विज्ञान,अग्रेजी और हिंदी विषय के लिए शिक्षक हीं नहीं मिले हैं.
बीपीएससी की ओर से जो रिजल्ट जारी किया गया है उसके अनुसार प्राइमरी स्कूलों के लिए 62653 अभ्यर्थी हिन्दी माध्यम, 7797 अभ्यर्थी उर्दू और 1969 अभ्यर्थी बांग्ला माध्यम में सफल हुए हैं. आयोग की ओर से प्राइमरी स्कूल में 72419 का रिजल्ट दिया है. जो रिजल्ट आया है उसके अनुसार ही अभ्यर्थियों को जिला भी आवंटित कर दिया गया है. हालांकि, आयोग ने अब तक किसी वर्ग के रिजल्ट में कटऑफ जारी नहीं किया है.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। इस बीच बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने साफ कहा है कि जो रिजल्ट जारी किया गया है, वह अंतिम नहीं है। जारी किए गए रिजल्ट में से अयोग्य की छंटनी भी होगी और उसके बाद खाली हुई सीटों पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट भी जारी किया जाएगा। इसके साथ ही अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि अंदाज पर आकलन नहीं कर, लोग कट ऑफ का इंतजार करें। आयोग बहुत जल्द शिक्षक भर्ती परीक्षा के सभी पेपर का कट-ऑफ जारी करेगा।
बता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग ने अब तक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक वर्ग के लिए परीक्षा देने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया है। सबसे पहले उच्च माध्यमिक के रिजल्ट जारी किए गए। इसके बाद प्राइमरी के। शनिवार को उच्च माध्यमिक के चार विषय और नौवीं-दसवीं के 10 विषयों के शिक्षकों का परिणाम जारी किया गया।
नौवीं और दसवीं में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, बांग्ला, अरबी और फारसी विषयों के शिक्षकों की सूची आयोग ने अब जारी की है। हिंदी में 4242, बांग्ला में तीन, उर्दू में 1612, अरबी में चार, फारसी में 12, अंग्रेजी में 4001, विज्ञान में 4588, गणित में 4480 और सामाजिक विज्ञान में 5397 शिक्षक चयनित हुए। बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद में सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।
निर्धारित सीट से कम अभ्यर्थी माध्यमिक में हुए सफल
उच्च माध्यमिक स्कूलों के तरह ही माध्यमिक में भी कई विषयों में निर्धारित सीट से कम अभ्यर्थी सफल हो सके हैं। माध्यमिक में कुल 32,916 सीट पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें से 26,204 अभ्यर्थी ही पास कर पाए। विज्ञान, अग्रेजी और हिंदी विषय में शिक्षक हीं नहीं मिले।
प्राइमरी में हिन्दी माध्यम के 62653 अभ्यर्थी पास
इससे बीपीएससी ने बुधवार देर रात प्राइमरी स्कूल के लिए परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया था। इसमें 62653 अभ्यर्थी हिन्दी माध्यम, 7797 अभ्यर्थी उर्दू और 1969 अभ्यर्थी बांग्ला माध्यम में सफल हुए। आयोग ने प्राइमरी स्कूल में 72419 का रिजल्ट दिया है। साथ ही पास हुए अभ्यर्थियों के लिए जिला भी आवंटित कर दिए गए। हालांकि, आयोग ने अब तक किसी वर्ग के रिजल्ट में कटऑफ जारी नहीं किया है।
- यह भी पढ़े………….
- आखिर 10 महीने बाद ‘ठाकुर’ बिहार पुलिस के हत्थे चढ़ा; एक-दो हत्या नहीं, नरसंहार के जुर्म में थी तलाश
- दशहरा के दशमी पर हुआ बाल भोज का आयोजन!