ये चश्मा  ड्राइविंग के दौरान एक्सीडेंट से बचाएगा , जानिए क्‍या है  इसकी खासियत

ये चश्मा  ड्राइविंग के दौरान एक्सीडेंट से बचाएगा , जानिए क्‍या है  इसकी खासियत

श्रीनारद मीडिया,  सेंट्रल डेस्‍क:

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आए दिन  नींद के चलते लोग सड़क दुर्घटना  के शिकार होते हैं. ड्राइविंग के दौरान चालक की नींद की समस्या खत्म करने के लिए उतर प्रदेश के मेरठ जिले का   छात्र सचिन ने एक सुरक्षा चश्मा  तैयार किया है.

यदि वाहन चालक की झपकी आती है तो उसके कान के पास अलार्म बजने लगेगा जिससे उसकी नींद टूट जाएगी. चश्में पर लगे सेंसर की वजह से जैसे ही व्यक्ति को झपकी आएगी फौरन बीप की आवाज़ शुरु हो जाएगी. ये अलार्म तब तक बजेगा जब तक नींद उड़ नहीं जाती. जैसे ही ड्राइविंग के वक्त नींद उड़ी फिर से चश्मा सामान्य चश्में की तरह ही व्यवहार करने लगेगा.

आईटीआई के छात्र सचिन का कहना है कि अपने प्रयोग को वो पेटेंट कराएंगे. सचिन का कहना है कि अभी तो उनका प्रयोग इनडोर ही कार्य कर रहा है लेकिन आने वाले दिनों में आउटडोर भी कार्य करेगा.

 

सचिन का कहना है कि ये चश्मा लोगों की जान बचा सकता है. सचिन के टीचर्स उनके इस प्रयोग की सराहना कर रहे हैं. बचपन में खिलौने को तोड़-फोड़कर देखने वाले सचिन कुमार ने बीकाम किया, लेकिन मन में इलेक्ट्रानिक्स के क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा थी. उन्होने आईटीआई साकेत में प्रवेश लिया. आईटीआई दूसरे वर्ष के छात्र सचिन के रिश्तेदारी में कुछ साल पहले एक सड़क हादसा वाहन चालक की झपकी के कारण हुआ था. उस हादसे से सचिन इस कदर विचलित हुए कि उन्होंने इस समस्या को सामने रखते हुए नींद उड़ाने वाला सुरक्षा चश्मा तैयार कर दिया.

सचिन ने जो चश्मा बनाया है, उसमें नैनो डिवाइस, एडवांस माइक्रो कंट्रोलर, इंफ्रा रे सेंसर, एक छोटा बजर और बैट्री का इस्तेमाल किया है. इसका मॉडल इस तरह से है कि इसे कोई भी वाहन चालक आसानी से लगा सकता है. नैनो डिवाइस में कोडिंग किया गया है.

तीन सेकेंड के लिए अगर वाहन चालक को झपकी आती है तो चश्मे में लगा सेंसर एक्टिव हो जाता है. इससे चश्मे में लगा बजर कान के पास बजने लगता है. और वाहन चालक की नींद तुरंत टूट जाती है. सचिन का कहना है कि अभी चश्मे का पेटेंट नहीं कराया है. यह चश्मा चार पहिया वाहन चालकों के लिए है. चश्मे को और भी बेहतर बनाने की कोशिश है, जिससे इसके सभी डिवाइस चश्मे के फ्रेम में ही आ जाएंगे.

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