आखिरकार सच हो गईं कुंवर बेचैन की ये पंक्तियां!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मौत तो आनी है फिर मौत से क्यूं डर रखूं, जिंदगी आ, तेरे कदमों पर मैं अपना सर रखूं…।

बेरहम कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दुनिया को अलविदा कहने वाले कवि और गीतकार कुंवर बेचैन की ये पक्तियां बृहस्पतिवार को सच हो गईं। गाजियाबाद के वरिष्ठ कवि प्रसिद्ध गीतकार कुंवर बेचैन का बृहस्पतिवार दोपहर नोएडा के कैलाश अस्पताल में कोरोना के इलाज के दौरान निधन हो गया। वह पिछले काफी दिनों से कोरोना संक्रमित थे और कैलाश अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। कुंवर बेचैन के निधन से साहित्य जगत के साथ उनके चाहने वालों में भी शोक की लहर दौड़ गई। ‘हिंडन महोत्सव एक प्यार का नगमा है’ कार्यक्रम में इसी साल 19 मार्च को श्रोताओं ने उन्हें आखिरी बार मंच से सुना था। साहित्य जगत से जुड़ी हस्तियों और राजनेताओं आदि ने ट्विटर, फेसबुक आदि पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया है- ‘कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है। मेरे कक्षा-गुरु, मेरे शोध आचार्य, मेरे चाचाजी, हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ. कुंअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया। कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया।’

 कुंवर बेचैन के बारे में

डॉक्टर कुंवर बेचैन मूलरूप से मुरादाबाद स्थित उमरी गांव के रहने वाला थे। 1 जुलाई, 1942 को मुरादाबाद में जन्में कुंवर बेचैन कई दशकों से रोजी-रोटी के सिलसिले में दिल्ली से गाजियाबाद में ही रह रहे थे। उनका असली नाम डॉक्टर कुंवर बहादुर सक्सेना था। उन्होंने गाजियाबाद के एमएमएच कॉलेज बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दीं।

मशहूर कवि कुंवर बेचैन सिंह का निधन हो गया है। वह कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनके अलावा पत्नी संतोष कुंवर भी कोरोना संक्रमित थीं। पॉजिटिव पाए जाने के बाद से ही दोनों दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित सूर्या अस्पताल में एडमिट थे। हालत में सुधार नहीं होने पर डॉ. कुंवर बेचैन को आनंद विहार स्थित कोसमोस अस्पताल में शिफ्ट किया गया। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि उनकी पत्नी की हालत स्थिर है। वह सूर्या अस्पताल में ही भर्ती हैं।

डॉ कुंवर बेचैन ग़ाज़ियाबाद के नेहरू नगर में रहते हैं। कोसमोस अस्पताल में एडमिट किए जाने के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था और उन्हें वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पा रहा था। इस पर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया था। कुमार विश्वास के ट्ववीट के बाद गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा ने मदद की थी और उन्हें कैलाश अस्पताल में वेंटिलेटर मिल पाया था। कुंवर बेचैन की पत्नी अब भी सूर्या अस्पताल में भी भर्ती हैं।

कवि कुंवर बेचैन के निधन की जानकारी खुद कुमार विश्वास ने दी है। कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, ‘कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है। मेरे कक्षा-गुरु, मेरे शोध आचार्य, मेरे चाचाजी, हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुँअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया। कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया।’

मदद के लिए कुमार विश्वास ने किया था ट्वीट, तब मिल पाया था बेड

कुंवर बेचैन के कोरोना संक्रमित होने पर कुमार विश्वास ने बेड की अपील करते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ‘रात 12 बजे तक प्रयास करता रहा, सुबह से प्रत्येक परिचित डॉक्टर को कॉल कर चुका हूं। हिंदी के वरिष्ठ गीतकार गुरुप्रवर डॉ कुंवर बेचैन का Cosmos Hospital, आनंद विहार दिल्ली में कोविड उपचार चल रहा है। ऑक्सीजन लेवल सत्तर पहुंच गया है। तुरंत वेंटि‍लेटर की आवश्यकता है। कहीं कोई बेड ही नहीं मिल रहा।’

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