आशुतोष शाही हत्याकांड में तीसरे बॉडीगार्ड की हुई मौत!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है। आशुतोष शाही के साथ साथ उनके दो बॉडी गार्ड निजामुद्दीन और राहुल की पहले ही मौत हो गई थी। वहीं, तीसरे बॉडी गार्ड ओंकार और वकील डॉलर का पटना के अस्पताल में 22 जुलाई से इलाज चला रहा था। जहां सोमवार को ओंकार की मौत हो गई है।

ओंकार से मिल सकती थी सुराग

काफी दिनों से प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही के अंगरक्षक होने के कारण ओंकार उनके काफी करीब हो गया था। उनके अन्य दोनों अंगरक्षकों की पहले ही मौत हो चुकी है। अब तीसरे गार्ड ओंकार की भी मौत हो गई। कई राज ओंकार के सीने में दफ्न हो गए। जिससे पुलिस को इस हत्याकांड में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती थी।

पुलिस भी ओंकार से पूछताछ करना चाहती थी। लेकिन उसकी तबीयत नासाज रहने के कारण पुलिस पूछताछ नहीं कर पाई। पुलिस उसके ठीक होने का इंतजार कर रही थी। पुलिस तीनों गार्ड के मोबाइल का सीडीआर निकलवा रही है। साथ साथ तीनों के मोबाइल का वैज्ञानिक तरीके से भी जांच चल रही है। अपराधी इसी ओंकार का मोबाइल ले कर भागे थे। पुलिस कई बिंदुओं पर इससे पूछताछ करने वाली थी। पहले हल्ला हुआ था कि अपराधी निजामुद्दीन का मोबाइल लेकर गए है। लेकिन पुलिस के जांच पड़ताल में ये बात गलत निकली।

घायल वकील ने लिखित बयान भेजा थाना

गोली लगने से घायल वकील डॉलर ने रविवार को पटना से अपना लिखित बयान टाउन थाने में भेजवाया। बयान में ककील ने कहा है कि पूर्व वार्ड पार्षद शेरू अहमद जमीन का एक कागजात दिखा कर जाने वाले थे। तब तक आशुतोष शाही पहुंच गए। पूर्व वार्ड पार्षद के साथ आशुतोष शाही भी सोफा पर बैठ गए मैं एसी कमरा में चला गया। कुछ ही देर बाद अज्ञात अपराधी आकर आशुतोष शाही पर फायरिंग करने लगे। गोलीबारी में में भी जख्मी हो गया। इस घटना में न तो पूर्व पार्षद शेरू अहमद दोषी हैं, न ही मैं दोषी हूं।

अब हत्याकांड का सीआईडी करेगी जांच

मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड मामले की जांच अब सीआईडी करेगी। इसके लिए जिला पुलिस और तिरहुत रेंज के आईजी पंकज सिन्हा ने अनुसंशा किया था। जिसके बाद ये मामला सीआईडी को सौप दिया गया है। सोमवार को सीआईडी की टीम जिले के नगर थाना पहुंची। केस के आईओ से सारी जानकारियां ली। कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी गंभीरता के साथ चर्चा हुई। उसके बाद टीम मामले की जांच में जुट गई है।

मृतकों की पहचान

काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पड़ाव पोखर आमगोला के निवासी स्वर्गीय निर्मल शाही के 45 वर्षीय पुत्र आशुतोष शाही, उत्तर प्रदेश के मऊ जिला के मधुबन थाना क्षेत्र के स्वर्गीय नगीना के पुत्र निजामुद्दीन और उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जघरा थाना क्षेत्र के जगदीश सिंह के 34 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार के रूप में हुई है। वही अब तीसरे गुर्दा की भी मौत हो गई है। उसकी पहचान छपरा जिले के अमनौर थाना क्षेत्र के स्वर्गीय दयानंद सिंह के पुत्र ओमनाथ उर्फ ओंकार नाथ सिंह के रूप में हुई है।

क्या था मामला

बता दें कि चर्चित प्रोपर्टी डीलर आशुतोष शाही व उनके दो बॉडीगार्ड को बीते 21 जुलाई की रात हत्या कर दी गई थी। रात करीब 9:30 बजे चार की संख्या में आए बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। वारदात के वक्त आशुतोष शाही अपने अधिवक्ता डॉलर के घर किसी जमीन के काम से गए थे। हथियार से लैश बदमाशों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।

जिस कारण वहां मौजूद पांच लोगों को गोलियां लगी थीं। आशुतोष शाही की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। एक बॉडीगार्ड ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। बाद में एक और बॉडीगार्ड की मौत हो गई थी। अधिवक्ता और एक अन्य बॉडीगार्ड का अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के पीछे जमीन विवाद का ही कारण माना जा रहा है।

पूर्व मेयर हत्याकांड के बाद चर्चा में आया था प्रॉपर्टी डीलर

मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार हत्याकांड के बाद मिठनपुरा इलाके के बड़े जमीन माफिया आशुतोष शाही सुर्खियों में आए थे। पुलिस ने समीर कुमार हत्याकांड में उन्हें चार्जशीटेड भी किया था।लेकिन आशुतोष शाही समय रहते हाईकोर्ट से जमानत ले लिया था। इसके बाद बीते विधानसभा चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाया था। लेकिन, नामांकन पर्चा गलत होने से चुनाव नहीं लड़ सके थे।

पूर्व मेयर की भी इसी क्षेत्र में हुई थी हत्या

23 सितंबर 2018 को मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार को बाइक सवार अपराधियों ने एके-47 से उनकी कार में ही हत्या कर दिया था। उनका चालक रोहित भी उसमें मारा गया था। उनकी हत्या भी चंदवारा माड़वाडी हाइस्कूल रोड में ही हुई थी। जमीन कारोबारी आशुतोष शाही की भी हत्या अधिवक्ता डॉलर के घर में हुई। डॉलर का घर भी चंदवारा माड़वाड़ी हाइस्कूल रोड में ही है। बता दें कि जहां पूर्व मेयर की हत्या हुई थी, उससे 50 मीटर पहले आशुतोष शाही की हत्या हुई है।

 

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