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आखिर क्यों युवा फर्जी आईएएस,आईपीएस,दरोगा बन कर पहुंच रहे हैं हवालात? - श्रीनारद मीडिया

आखिर क्यों युवा फर्जी आईएएस,आईपीएस,दरोगा बन कर पहुंच रहे हैं हवालात?

आखिर क्यों युवा फर्जी आईएएस,आईपीएस,दरोगा बन कर पहुंच रहे हैं हवालात?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

झारखण्ड में रांची के अशोक नगर इलाके से एक फर्जी महिला आइएएस अधिकारी पकड़ी गई है। वह शहर के वीवीआईपी इलाकों में शामिल अशोक नगर कॉलोनी में रहती थी। पकड़ी गई फर्जी आइएएस का नाम मोनिका (24) पिता शेषमणि है। वह 213 बड़वाराकला , ग्राम कला, तहसील बड़वारा जिला-कटनी मध्य प्रदेश की रहने वाली है। यहां अशोकनगर रोड नंबर एक के मकान संख्या सी/06 में रहती है। जहां मोनिका, आइएएस लिखा बोर्ड भी लगी थी।

वह खुद को 2020 बैच की आईएएस अधिकारी बता किराए का मकान लेकर रह रही थी। फर्जी न लगे इसलिए वह अपने साथ बॉडीगार्ड, सरकार की लोगा के साथ असिस्टैंट कमिश्नर लिखी व सरकार की लोगो लगी कार और रसोईया भी रखती थी। वह अपने मकानमालिक व पड़ोसियों को बताती थी कि असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में वह जमशेदपुर में पोस्टेड हैं। इधर, हाल में वह घर में ही रही थी। इससे मकानमालिक को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगी। पूछने पर बताई थी उसकी छुट्टी चल रही, इसलिए वह जमशेदपुर नहीं जा रही थी।

शक होने पर इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद अरगोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और मोनिका को हिरासत में ले लिया गया। उससे पूछताछ करने पर सारा भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने मोनिका के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। उसे शनिवार को जेल भेजा जाएगा।

ठसक दिखाने के लिए बनी फर्जी आइएएस

मोनिका ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली स्थित विजन आइइएस कोचिंग सेंटर से आइएएस की तैयारी कर रही थी। इधर, ठसक दिखाने के लिए और अपने रिश्तेदारों को दिखाने के लिए फर्जी आइएएस बनकर घूम रही थी। हालांकि पुलिस उसकी मंशा का पता लगा रही है।

अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि फर्जी आईएस बनकर रांची आने की वजह को लेकर मोनिका से पूछताछ चल रही है। पूछताछ के बाद यह खुलासा होगा कि आखिर वह किस सुनियोजित साजिश के तहत अशोक नगर इलाके में फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर निवास कर रही थी साथ ही उसके साथ और कौन-कौन लोग हैं। फिलहाल ठगी के कोई मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन पुलिस पता लगा रही है।

आइएएस वाली ठाठ के साथ ही करती थी आना-जाना

मोनिका जिस अशोकनगर इलाके में डॉ. डीके राय के घर पर किराए में रह रही थी, उस इलाके में अधिकांश घर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का है। झारखंड पुलिस के कई बड़े अधिकारी भी अशोक नगर में रहते हैं। इसी अशोकनगर रोड नंबर एक के मकान संख्या C/06 के बाहर अचानक आईएएस मोनिका का बोर्ड लग गया था। घर के बाहर बॉडीगार्ड, सरकारी वर्दी में ड्राइवर, सरकारी गाड़ी जिसमे असिस्टेंट कमिश्नर का बोर्ड लगा हुआ था। पूरी ठाठ-बाठ आइएएस वाली थी। कुछ दिनों तक लोगों ने देखा, इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने दो दिनों तक पहले रेकी की।

इसके बाद पुलिस को पता चला कि वह आइएएस नहीं, बल्कि फर्जी अधिकारी बनकर वहां रह रही थी। इसके महिला पुलिसकर्मियों की टीम के साथ वहां, पुलिस पहुंची और मोनिका को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। कोई पहचान पत्र नही दिखा पाईछापेमारी के लिए पहुंची महिला पुलिसकर्मियों ने मोनिका से पहचान पत्र मांगा लेकिन वह शिवाय आधार कार्ड के कोई भी पहचान पत्र नहीं दे पाई।

इसके बाद पुलिस वालों ने उससे सब कुछ साफ-साफ बताने को कहा, पुलिस की दबिश की वजह से मोनिका टूट गई और उसने पूरी कहानी सामने रख दी।

आइएएस लिखा बोर्ड, लेटरपैड बरामद

मोनिका के पास से नाम के साथ आइइएस लिखा बोर्ड, झारखंड सरकार का फर्जी लोगो, डिप्टी कलेक्टर का फर्जी लेटर पैड बरामद किया है। मोनिका ने आईएएस अधिकारी का फर्जी आईकार्ड भी बनवा रखा था। जिसे पुलिस के पहुंचते ही फेंक दी। इससे पहले कार भी मालिक को लौटा चुकी थी। जिसे, वह भाड़े पर ले रखी थी। मोनिका ने पुलिस को बताया कि वह अपने साथ रिटायर्ड आर्मी जवान शशि उरांव को बॉर्डीगार्ड के रूप में रखी थी। जबकि कोकर आदर्श नगर निवासी राकेश कुमार को चालक के रुप में। जबकि नगड़ी निवासी राधा देवी को रसोइया के रूप में अपने घर में रख रही थी।

इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस

मोनिका के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 170, 171, 419, 468, 471 के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। मोनिका ने जिस बॉडीगार्ड और ड्राइवर को अपने साथ रखा था उन्हें भी यह पता नहीं था कि वह फर्जी आईएएस अधिकारी है। दोनों ने पुलिस के सामने यह बयान दिया है कि उन्हें एक आईएएस अधिकारी के तौर पर फोन किया गया था। जिसके बाद दोनों ने नौकरी ज्वाइन किया था। फिलहाल बॉडीगार्ड ड्राइवर दोनों पुलिस के गवाह बने हैं। पुलिस ने मोनिका की गिरफ्तारी के साथ ही उसे 41 ए के तहत एक नोटिस भी दिया। उससे पक्ष पूछा गया। लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे पाई।

 

 

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