‘यही समय है सही समय है, अगले 1000 सालों की नींव अभी रखी जाएगी’-पीएम मोदी
‘अब टैंट नहीं दिव्य मंदिर में रहेंगे रामलला’
राम आग नहीं…ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं…समाधान हैं’
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि यही समय है सही समय है। अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रामलला की मूर्ति के अनावरण का पल न केवल विजय का, बल्कि विनम्रता का भी अवसर है।
हर युग के लोगों को भगवान राम का अनुभव
पीएम ने आगे कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पल सबसे दिव्य और सबसे पवित्र है। पीएम मोदी ने कहा, “यह क्षण दिव्य है, यह क्षण सबसे पवित्र है। यही समय है सही समय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि हर युग के लोगों ने भगवान राम का अनुभव किया है। पिछले 11 दिनों में मुझे अलग-अलग भाषाओं और अलग-अलग राज्यों में रामायण सुनने का अवसर मिला है।”
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “विश्व का इतिहास स्वयं इस बात का प्रमाण है कि कई देश अपने ही इतिहास में उलझे हुए हैं। जब देशों ने अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश की तो, उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन जिस तरह से, हमारे देश ने इतिहास की गांठें खोलीं, वह इस बात का प्रमाण है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से भी अधिक सुंदर होने वाला है।”
पीएम ने कहा, “एक समय ऐसा भी था जब कुछ लोग कहा करते थे कि राम मंदिर बन जाएगा तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत की सामाजिक भावना की पवित्रता को नहीं समझ सकते। हम देख रहे हैं कि यह निर्माण किसी अग्नि को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।”ॉ
‘अब टैंट नहीं दिव्य मंदिर में रहेंगे रामलला’
पीएम मोदी ने कहा, “राम आधार हैं। राम भारत के विचार हैं। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत का विचार हैं। राम का विधान हैं। राम प्रवाह हैं। राम नीति भी हैं। राम व्यापक हैं। राम चेतना भी हैं। राम चिंतन भी हैं। राम वर्तमान हैं। राम अनंतकाल हैं। हमारे रामलला अब टैंट में नहीं रहेंग। अब रामलला दिव्य मंदिर में रहेंगे। आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की जंजीरों को तोड़कर राष्ट्र खड़ा हुआ है।”
500 साल के संघर्षों के बाद अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम लला की मूर्ति स्थापित हो गई है। पीएम मोदी द्वारा सोमवार को भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद 51 इंच की मूर्ति की पहली झलक आखिरकार दुनिया को देखने को मिली।
इस शुभ अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया और भगवान राम से माफी भी मांगी। भव्य राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में काफी देरी के लिए भगवान राम से माफी मांगते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शायद इतने प्रयास नहीं हुए होंगे कि हम इतनी सदियों तक इस काम को पूरा नहीं कर सके जो आज हासिल हुआ है।
राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में गणमान्य व्यक्तियों और वीवीआईपी की सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज मैं भगवान श्री राम से क्षमा भी मांगता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में अवश्य ही कुछ कमी रही होगी कि हम इतनी शताब्दियों तक यह कार्य नहीं कर सके। आज काम पूरा हो गया है। मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे क्योंकि भव्य मंदिर बनकर तैयार है।
51 इंच की राम लला की मूर्ति
बता दें कि पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया। 16 जनवरी से शुरू हुआ रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का सप्ताह भर का अनुष्ठान पूरा हो गया। कर्नाटक के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई 51 इंच की राम लला की मूर्ति को पांच साल के बच्चे के रूप में दर्शाया गया है।
राम आग नहीं…ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं…समाधान हैं’
पीएम मोदी ने कहा कि आज का अवसर उत्सवता का तो क्षण है ही भारत के समाज के परिपक्वता का क्षण है। दुनिया का इतिहास साक्षी है कई राष्ट्र अपने ही उलझन में उलझ गए। उन्होंने कहा कि कई लोग बोलते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी, ऐसे लोग भारत के परिपक्वता को नहीं जान पाए। मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि आइए महसूस कीजिए राम आग नहीं ऊर्जा हैं। राम समाधान हैं। राम सबके हैं। राम सिर्फ वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं।
भारत की आस्था हैं प्रभु राम- पीएम मोदी
PM मोदी ने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं। राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं। राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं। राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं। राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हजारों वर्षों तक होता है।
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