शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर विचार
शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर विचार
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया के तमाम विद्यालयों में चहक के तत्वावधान में नवाचारी शिक्षण के तहत अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर विचार किया गया।
बड़हरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय महबूबछपरा में शिक्षक अभिभावक संगोष्ठी की अध्यक्षता अभिभावक पूर्व शिक्षक देवेंद्र मिश्र ने करते हुए कहा कि शिक्षकों और अभिभावकों दोनों को बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए जागरुक होना चाहिए। यदि बच्चा विद्यालय से विमुख होता है तो इसकी जिम्मेवारी दोनों को लेनी होगी।
उन्होंने शिक्षक -अभिभावक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके अंदर उस विश्वास को जागृत करना है, जिससे वे अपना भविष्य उज्जवल कर सकें। इसमें अभिभावकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि शिक्षक -अभिभावक संगोष्ठी में अभिभावकों की सहभागिता अति आवश्यक है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी आगे आना होगा। उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, साफ-सफाई, स्वच्छता, अनुशासन आदि का भी ज्ञान देना होगा।
अभिभावकों को अपने बच्चों के शिक्षण गतिविधियों का सतत अनुश्रवण करना होगा ताकि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से न चूकें। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए हुए कहा कि वे शिक्षा के अलावा चरित्र निर्माण पर भी बल दिया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक मो इमामुद्दीन ने कहा कि बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए अभिभावक और शिक्षक दोनों की जिम्मेदारी है। अभिभावकों का दायित्व होता है कि वे अपने बच्चों को घरेलू काम से दूर रखें तथा पठन-पाठन के लिए बच्चों को नियमित विद्यालय भेजें। शिक्षकों का कर्तव्य होता है कि विद्यालय में उपस्थित बच्चों को गुणवत्ता रूपी शिक्षा प्रदान करे। यह समन्वय अभिभावक एवं शिक्षकों के बीच बने रहने से बच्चों का उज्ज्वल भविष्य बनता है।
अध्यापक शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा कि विद्यालय में बच्चों के नामांकन ज्यादा से ज्यादा हो। इसका ध्यान अभिभावकों को रखना होगा। शिक्षा के उन्नयन में माता-पिता का सकारात्मक सहयोग भी होना चाहिए। अभिभावक समय-समय पर विद्यालय आकर पठन-पाठन प्रक्रिया का निरीक्षण कर सलाह भी दे सकते हैं।
इस मौके पर चहक की अवधारणाओं को कक्षा में कार्यांवित करने के लिए नामित शिक्षक उदय कुमार ने पहली,दूसरी और तीसरी कक्षा के छात्र-छात्राओं के सहारे आनंददायी वातावरण में खेल- खेल शिक्षा प्रदान के कौशल को प्रदर्शित कर वाहवाहियां लूटीं। इस मौके पर शिक्षिका सुनीता कुमारी, रश्मि कुमारी, नूर शब्बा,प्रियंका, तबस्सुम जहां, रुबी कुमारी, नजमा खातून आदि सक्रिय भूमिका निभायी। बच्चों के बीच पुस्तकों का वितरण किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाध्यापक मो इमामुद्दीन ने करते हुए सभी अभिभावकों को विद्यालय आते रहने का आग्रह किया।
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