भारतीयों की भावनाओं को ध्यान में रखकर ही होगा विचार-जयशंकर.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आतंकवाद का समर्थन पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली का एक बड़ा कारण है। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की यह टिप्पणी पाक में लगातार बढ़ रहे आर्थिक संकट के बीच आई है। अपने एक बयान में उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा कि कोई भी देश अपनी समस्याओं से तब तक बाहर नहीं आ सकता जबतक उसका मुख्य मकसद सिर्फ आतंकवाद है।
आतंकवाद भारत-पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा
विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब सवाल किया गया कि क्या भारत मुसीबतों का सामना कर रहे अपने पश्चिमी पड़ोसी की मदद करेगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान के बीच मुख्य मुद्दा है। इससे कोई भी बच नहीं सकता है। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एशिया आर्थिक संवाद में उन्होंने कहा, अगर मुझे अपने किसी बड़े फैसले को देखना है तो मैं यह भी देखूंगा कि जनता की भावना क्या है। मेरे पास एक तर्क होगा कि मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते और सोचते हैं। और मुझे लगता है कि इसका जवाब सब जानते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सब कुछ करने को तैयार
विदेश मंत्री कहा कि आज हमारी छवि एक ऐसे देश की है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सब कुछ करने को तैयार है। हर देश की अपनी चुनौतियां हैं और कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ी नहीं हो सकती। यह काफी संयम रखने वाला देश है और यह ऐसा देश नहीं है जो दूसरों से लड़ता रहता है, लेकिन यह ऐसा देश भी नहीं है जिस पर दबाव बनाया जा सके या उसे पीछे धकेला जा सके। यह ऐसा देश है जो अपनी सीमा को किसी को लांघने नहीं देगा। जयशंकर ने कहा, कुछ वर्षों से हमारी पश्चिमी सीमा पर परीक्षा ली जा रही है। मैं समझता हूं कि चीजें इस बार थोड़ी अलग हैं और सभी लोग इस बात से सहमत होंगे।
उन्होंने कहा कि हमें उत्तरी सीमा पर भी परखा जा रहा है और भारत इस परीक्षा से कैसे निपटेगा, यह मुकाबला करने की हमारी ताकत को प्रदर्शित करेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा इस मामले में हम पर दबाव आए, ऐसे क्षण भी आए जब हमारे स्वतंत्र भाव और विश्वास को परखने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि हमें दुनिया में एक स्वतंत्र और दूसरे के अधिकारों के लिए खड़े होने वाले देश के रूप में देखा जा रहा है और इसके साथ ही हम अन्य देशों की आवाज भी बन रहे हैं।
डाटा सुरक्षा डिजिटल दुनिया की बड़ी चुनौतियां
विदेश मंत्री ने कहा कि डाटा सुरक्षा और डाटा गोपनीयता डिजिटल दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं और इनसे जुड़े मुद्दों पर जी-20 बैठक के दौरान समाधान किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जी20 बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन-रूस युद्ध, कोविड महामारी और विश्व मंच पर इसके प्रभावों जैसे कारकों ने तनाव की कई परतें जमा दी हैं।
कैरेबियन देशों के साथ भारत की नेचुरल बॉन्डिंग
जयशंकर ने कहा कि लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के साथ भारत की नेचुरल बॉन्डिंग है। प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भी हमारे हित आपस में जुड़े हुए हैं। भारत का ध्यान व्यापार, निवेश और जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में दो-तरफा विस्तार करने पर रहा है। लैटिन अमेरिका और कैरेबियन के साथ भारत का वार्षिक व्यापार 50 अरब अमेरिकी डालर से भी ज्यादा है और यह निरंतर बढ़ रहा है। यही नहीं अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और आसियान देशों से हमारा वार्षिक व्यापार करीब 110-115 अरब डालर के बीच है।
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