Tiger#50: पांच साल में 3167 हुई बाघों की संख्या
क्या है Project Tiger?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 3 हजार 167 हो गई है। बता दें कि पीएम मोदी ने बाघों की नई गणना रिपोर्ट जारी की है। 2006 में यह संख्या 1411 थी। इससे पहले 2018 व 2019 में जारी बाघों की गणना में 2967 संख्या पाई गई थी।
देश में बाघों की संख्या बढ़कर हुई 3167
आंकड़ों के अनुसार, बाघों की आबादी 2006 में 1,411, 2010 में 1,706, 2014 में 2,226, 2018 में 2,967 और 2022 में 3,167 थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को जारी बाघ गणना के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में बाघों की संख्या 2022 में 3,167 थी।
‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे
दरअसल, ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा हमारे यहां प्रकृति संरक्षण संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने आगे कहा भारत ने न केवल बाघों को बचाया, बल्कि उनके लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र भी तैयार किया है। बाघों का बढ़ा हुआ आंकड़ा गौरव का पल है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा दशकों पहले भारत से चीते विलुप्त हो गए थे, हम शानदार चितों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रिका से भारत लेकर आए। कुछ दिन पहलेही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है।
पीएम ने ‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस’ का शुभारंभ किया
‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस’ का भी शुभारंभ किया, जो दुनिया की सात प्रमुख बड़ी बिल्लियों यानि बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने अगले 25 वर्षों में बाघ संरक्षण के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत करने वाली एक पुस्तिका ‘अमृत काल का टाइगर विजन’ भी जारी किया।
क्या है Project Tiger?
प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger In India) भारत द्वारा 1 अप्रैल, 1973 को संरक्षण को बढ़ावा देने और बाघों की घटती आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए शुरू किया गया था।
प्रारंभ में, परियोजना में 18,278 वर्ग किमी में फैले 9 बाघ अभयारण्य (tiger reserve) शामिल थे। पिछले 50 सालों में इस उद्देश्य की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। बाघ अभयारण्यों की संख्या अब बढ़कर 53 हो गई है, जिसमें 75,500 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है।
नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 3,000 बाघ हैं, जो वैश्विक जंगली बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत से अधिक है और यह संख्या प्रति वर्ष 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
भारत में बाघों की संख्या
बाघ एक संरक्षण पर निर्भर प्रजाति हैं। बाघों के लिए प्रमुख खतरे अवैध शिकार हैं जो बाघों के अंगों और उत्पादों की अवैध अंतरराष्ट्रीय मांग, बाघों के शिकार की कमी, और जंगलों की बढ़ती मांग के कारण निवास स्थान के नुकसान से प्रेरित हैं।
बिग कैट्स इंडिया वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, 29 जुलाई 2019 को, अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस, पीएम नरेंद्र मोदी ने बाघों की जनगणना 2018 का परिणाम घोषित किया था। भारत अब आधिकारिक तौर पर रॉयल बंगाल टाइगर के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित आवासों में से एक है।
बाघ जनगणना 2018 के अनुसार भारत में रॉयल बंगाल टाइगर की कुल जनसंख्या 2967 है, जो 2006 की तुलना में दोगुनी से अधिक है।
भारत के प्रमुख बाघ राज्य (बाघों की आबादी के अनुसार)
टाइगर जनगणना 2018 के परिणाम के बाद, मध्य प्रदेश 526 बाघों के साथ भारत का टाइगर राज्य बन गया, जबकि कर्नाटक जो 2010 से टाइगर स्टेट सैल्यूटेशन आयोजित कर रहा था, 524 रॉयल बंगाल टाइगर आबादी के साथ दूसरे स्थान पर आ गया और उत्तराखंड 442 बाघों की आबादी के साथ तीसरे स्थान पर है।
बाघ जनगणना 2018 के परिणाम से कुछ जानकारियां
- 3,81,000 वर्ग किमी से अधिक वन क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया।
- वन रेंजरों ने पैदल ही 5,00,000 किमी से अधिक का सर्वेक्षण किया गया है।
- 26,838 कैमरा ट्रैप थे जिन्हें 141 स्थानों पर तैनात किया गया था।
- इन कैमरा ट्रैप से लगभग 3.5 करोड़ वन्यजीवों की तस्वीरें ली गईं।
- 2,461 व्यक्तिगत टाइगर्स कैमरा ट्रैप हुआ।
- कैप्चर-मार्क-रिकैप्चर के जरिए 2,591 बाघों का अनुमान लगाया गया है।
- 2018 टाइगर काउंटिंग के दौरान टाइगर की कुल आबादी 2,967 अनुमानित है।
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