सशक्त भारत की संकल्पना के सम्पोषक थे तिलक और आजाद
पाठक आईएएस संस्थान पर महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक और अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के जयंती पर विशेष परिचर्चा का आयोजन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
महान स्वतंत्रता सेनानी बालगंगा धर तिलक और अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद सशक्त भारत की संकल्पना के सबल संपोषक रहे थे। सशक्त भारत का आधार निश्चित तौर पर स्वावलंबन और भेदभाव मुक्त समाज की परिकल्पना ही हो सकती है। बाल गंगाधर तिलक का स्वावलंबन आज आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के तौर पर अपनी प्रासंगिकता की सार्थकता को साबित करता दिख रहा है तो चंद्रशेखर आजाद का स्वतंत्रता के प्रति उत्कट अनुराग राष्ट्रवाद को मजबूत आधार देता दिखता है। समकालीन अंतराष्ट्रीय परिस्थितियों में राष्ट्रवाद की महता सर्वविदित है। ये बातें शनिवार को सिवान के अयोध्यापुरी स्थित पाठक आईएएस संस्थान पर महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक और अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर आयोजित परिचर्चा में शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने कही। इस अवसर पर मोहन यादव, रागिनी कुमारी, श्वेता तिवारी, अनुज सिंह, शाश्वत सिन्हा, कुमार अभिषेक आदि संस्थान से सिविल सेवा परीक्षा के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी मौजूद रहे।
इस अवसर पर श्री पाठक ने कहा कि अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के संदेश आज भी युवाओं को प्रेरित करते दिखते हैं। चंद्रशेखर आजाद का संदेश कि सांस के आखिरी पड़ाव तक मातृभूमि की सेवा करना होगा। आज के युवाओं को राष्ट्रवाद का संदेश देता दिखता है और दिग्भ्रमित हो रही युवा शक्ति का मार्गदर्शन भी करता है।
परिचर्चा को संबोधित करते हुए श्री पाठक ने कहा कि बालगंगा धर तिलक स्थानीय भाषाओं के विकास के प्रबल पक्षधर थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं के विकास पर बल तिलक के विचारों की प्रासंगिकता की सार्थकता को ही साबित करता दिखता है।
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