थक हार के अब कांग्रेस की शरण में पहुंचे सन्नी हजारी
मेरी भी मजबूरी समझिए- चिराग पासवान
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के रिश्तेदार और बिहार सरकार में की नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी थक-हारकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। सन्नी इस समय खानपुर के प्रखंड प्रमुख हैं और उन्हें समस्तीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना है जिसके लिए वो पहले लोजपा-आर के अध्यक्ष चिराग पासवान के चक्कर काट रहे थे। लेकिन चिराग ने अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से जेडीयू के ही मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दे दिया। शांभवी महावीर मंदिर ट्रस्ट से सचिव और पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की बहू भी हैं।
टे सन्नी हजारी के कांग्रेस में शामिल होने पर नीतीश सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा है कि वो पूरी निष्ठा के साथ जेडीयू के साथ हैं और उनके पुत्र के राजनीतिक फैसले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। बताते चलें कि समस्तीपुर से लोजपा-आर के उम्मीदवार का ऐलान होने से पहले महेश्वर हजारी बेटे सन्नी को साथ लेकर दिल्ली में चिराग पासवान और उनकी मां रीना पासवान से मिले थे। लोजपा-आर के एक्स हैंडल से उस मुलाकात की फोटो भी जारी हुई थी।
लोकसभा चुनाव लड़ने को बेताब सन्नी हजारी एक सप्ताह पहले तक लोजपा जिंदाबाद कर रहे थे और टिकट की चाह में चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती के नामांकन में उनकी गाड़ी से लटककर जमुई में फोटो खिंचवा रहे थे। लेकिन टिकट नहीं मिला और अब वो कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। सन्नी हजारी ने कहा कि समस्तीपुर से मौका मिलेगा तो जीत कर कांग्रेस की झोली में दूंगा।
चिराग पासवान को बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन में पांच लोकसभा सीट मिली है जिसमें कुछ कैंडिडेट को लेकर पार्टी में बवाल मचा है। जमुई से उन्होंने अपने बहनोई अरुण भारती को उतारा है जबकि वैशाली से पार्टी तोड़ने वाली वीणा सिंह को दोबारा टिकट दिया है। समस्तीपुर से उन्होंने शांभवी चौधरी को कैंडिडेट बनाया है। अगर कांग्रेस सन्नी हजारी को टिकट दे देती है तो समस्तीपुर में जेडीयू के दो मंत्रियों के बेटा और बेटी के बीच चुनावी मुकाबला के आसार बन सकते हैं।
तीसरी पीढ़ी के राजनेता हैं सन्नी हजारी, दादा 6 बार विधायक और एक बार सांसद रहे
सन्नी हजारी तीसरी पीढ़ी के राजनेता हैं। उनके दादा रामसेवक हजारी बिहार विधानसभा में 6 टर्म विधायक और एक बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। सन्नी के पिता महेश्वर हजारी भी एक बार समस्तीपुर से लोकसभा जा चुके हैं और तीन बार विधायक रहे हैं। महागठबंधन सरकार के दौरान डिप्टी स्पीकर रहे महेश्वर हजारी पहले भी नीतीश सरकार में मंत्री रहे हैं और इस समय भी मंत्री हैं। सन्नी के बड़े पापा कामेश्वर हजारी की पत्नी मंजू रोसड़ा से बीजेपी की विधायक रही हैं।
रामसेवक हजारी के भाई शशि भूषण हजारी दरभंगा के कुशेश्वर स्थान सीट से पहले भाजपा और फिर बाद में दो टर्म जेडीयू के विधायक रहे। उनके निधन के बाद इस सीट से उनके बेटे अमन भूषण हजारी विधायक हैं।
लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले नेताओं से कहा कि उन्हें मेरी भी मजबूरी समझनी चाहिए। लोजपा (रामविलास) मात्र 5 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। ऐसे में केवल 5 को ही अवसर मिल सकता है। किसी भी दृष्टि से 50 लोगों को समाहित करना मेरे लिए संभव नहीं है। बता दें कि गौरतलब है कि लोजपा (रामविलास) के डेढ़ दर्जन नेताओं ने बुधवार को चिराग पासवान का साथ छोड़ दिया। इन नेताओं ने चिराग पासवान पर लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बेचने का आरोप लगाया है।
चिराग पासवान ने कहा है कि टिकट नहीं मिलने पर हर दल में इस तरीके के आरोप लगाए जाते हैं। जब उनको सीटें नहीं मिलती या उनको लड़ने का मौका नहीं मिलता तो वे इस तरह की बातें करते हैं। ये सारी बातें आई, गई हो जाएंगी जब 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आएगा। आप देखिएगा हम 40 की 40 लोकसभा की सीटें जीतेंगे।
दरअसल, संगठन सचिव रवींद्र सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, मुख्य विस्तारक अजय कुशवाहा समेत अन्य नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा की घोषणा की। रवीन्द्र सिंह ने 20 नेताओं के चिराग पासवान का साथ छोड़ने का दावा किया। इन नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी तोड़ने में सबसे अहम भूमिका सांसद वीणा देवी ने निभायी थी। लेकिन उन्हें फिर से टिकट दे दिया गया। अन्य सीटों पर भी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गयी।
चिराग पासवान पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए पार्टी के 22 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। संगठन सचिव रवींद्र सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव सतीश कुमार, मुख्य विस्तारक अजय कुशवाहा समेत अन्य नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए इन नेताओं ने चिराग पासवान पर लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बेचने का आरोप लगाया।
प्रदेश महासचिव राजेश डांगी, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. सुधीर यादव, प्रदेश सचिव संजय लाल, प्रदेश महासचिव चितरंजन कुमार, क्लेश कुमार यादव, दीपक कुमार, अविनव चंद्र।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही लोजपा (रामविलास) के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद अरुण कुमार ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अरुण कुमार नवादा या जहानाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। इस्तीफा देने के बार अरुण कुमार ने भी चिराग पासवान पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। उन्होंने कहा था कि संकट के समय में हमने उनका साथ दिया। अपनी पार्टी का विलय तक कर दिया।
लेकिन, परिणाम प्रतिकूल ही रहा। ऐसी स्थिति में उनके साथ रहने का कोई औचित्य ही नहीं है। अरुण कुमार ने कहा था कि उन्हें जहानाबाद या नवादा से चुनाव लड़ने को लेकर बार-बार आश्वस्त कर धोखे में रखा गया। अब मैं हिमालय के तपस्वी की तरह माला जपने वाला तो नहीं हूं, लिहाजा खुद को चिराग पासवान से अलग कर रहा हूं। जल्द ही अपने समर्थकों के साथ अगली रणनीति पर विचार करूंगा।