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आज का सामान्य ज्ञान🎊 🚨कहां गायब हो गई सोडियम लैंप? मच्छर और कीट-पतंगों को कर देती थी वन टू का फोर, जानें खंभों से क्यों हुई गायब  - श्रीनारद मीडिया

आज का सामान्य ज्ञान🎊 🚨कहां गायब हो गई सोडियम लैंप? मच्छर और कीट-पतंगों को कर देती थी वन टू का फोर, जानें खंभों से क्यों हुई गायब 

आज का सामान्य ज्ञान🎊 🚨कहां गायब हो गई सोडियम लैंप? मच्छर और कीट-पतंगों को कर देती थी वन टू का फोर, जानें खंभों से क्यों हुई गायब

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

जब आप छोटे बच्चे रहे होंगे, तो आपने स्ट्रीट लाइट के तौर पर सोडियम लैंप देखी होगी. इन सोडियम लैंप के नीचे कई बार आपने मरे हुए मच्छरों का ढेर भी देखा होगा. इस सबके बावजूद आपने कभी सोचा है कि अचानक स्ट्रीट लाइट में सोडियम लैंप को हटाकर इसकी जगह एलईडी लाइट क्यों लगा दी गई.

अगर आपने कभी इसके बारे में नहीं सोचा है, तो परेशान मत होइए. यहां हम आपको सोडियम लैंप की खूबियां और इसके रिप्लेस होने की मुख्य वजह बताएंगे, जिसके बाद आपको खुद ब खुद समझ आ जाएगा कि सोडियम लैंप स्ट्रीट से क्यों गायब हुई हैं.

💎कैसे काम करती है सोडियम लैंप👉🏻
Sodium vappour lamp एक प्रकार का डिस्चार्ज लैंप होती है, जो sodium और inert gases जैसे कि निऑन, आर्गन आदि गैस का उपयोग करके ऑरेंज कलर का प्रकाश उत्पन्न करती है. इस लैंप में दो प्रकार की ट्यूब होती है, जिसे इनर ट्यूब और आउटर ट्यूब कहते हैं.

इनर ट्यूब को एक विशेष प्रकार के कांच (बोरो-सिलिकेट) से बनाया जाता है ताकि प्रकाश उत्पन्न होने से उत्पन्न होने वाली ऊष्मा को यह ग्लास सहन कर सके. इस ग्लास ट्यूब के अंदर दो Electrode फिक्स रहते हैं. इनर ट्यूब सामान्यतः U आकार का बना रहता है. ऐसा इसलिए होता है कि जब electrodes के मध्य आर्क उत्पन्न हो तो उस आर्क की लंबाई को बढ़ाया जा सके. आर्क की लंबाई बढ़ जाने से इस लैंप से उत्पन्न होने वाला प्रकाश की मात्रा बढ़ जाती है.

💎सोडियम लैंप की खासियत👉🏻
सोडियम लैंप शुरुआत में धीमी जलती है, लेकिन जब इसे जले हुए 15 से 20 मिनट हो जाते हैं, तो ये बहुत बड़े एरिया को प्रकाशित कर सकती है. वहीं सोडयम लैंप से निकलने वाली गर्मी के संपर्क में आने से मच्छर अपने आप झुलस कर मर जाते हैं.

💎एलईडी लाइट ने क्यों किया रिप्लेस👉🏻
सोडियम लैंप काफी महंगी होती है. साथ ही इसे यूज करने में ज्यादा बिजली की आवश्यकता होती है. वहीं एलईडी लाइट काफी सस्ती आती हैं और इनमें बिजली की खपत भी काफी कम होती है. ऐसे में स्ट्रीट पर सोडियम लैंप की जगह एलईडी लाइट ने जगह बना ली.

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