आज का सामान्य ज्ञान -“दशहरा/विजयदशमी से सम्बन्धित रोचक व ज्ञानवर्धक जानकारी”
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
सनातन धर्म में विजयादशमी का पर्व बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस महापर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता जाता है। साथ ही इस पर्व को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विजयादशमी के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था। साथ ही इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध करके पूरे जगत में शांति का संचार किया था। ऐसे में विजयादशमी से जुड़ी कई सारी कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ का जिक्र हम करेंगे…
🚨उत्तर भारत👉🏻
उत्तर भारत में इस पर्व को रावण पर श्री राम की जीत के रूप में मनाया जाता है।
🚨पश्चिम भारत👉🏻
पश्चिमी भारत में यह पर्व नृत्य उत्सव, गरबा आदि के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग नवरात्र के पहले दिन स्थापित किए हुए देवी-देवताओं का विसर्जन भी करते हैं।
🚨पूर्व भारत👉🏻
पूर्व भारत में यह पर्व ‘दुर्गा पूजा’ के रूप में मनाया जाता है। साथ ही इसे सत्य की जीत के रूप में देखा जाता है। पौराणिक कथाओं अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक युद्ध करने के बाद 10वीं रात उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था।
ऐसे में दुर्गा पूजा के अंतिम दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। देवी के अंतिम अनुष्ठान अपराजिता पूजा के बाद, उन्हें विसर्जन के रूप में विदाई दी जाती है।
🚨दक्षिण भारत👉🏻
दक्षिण भारत में इस दिन को जीवन में सफलता लाने वाली हर चीज के प्रति आभार व्यक्त करने के रूप में मनाया जाता है। साथ ही वे इस दिन मां चामुंडेश्वरी की पूजा करते हैं। वहीं तमिलनाडु में इसे गोलू के नाम से मनाया जाता है।
(नोट👉🏻 भारत अपडेट्स आस्था से जुड़े उपरोक्त किसी भी पौराणिक, धार्मिक अथवा सामाजिक तथ्य के प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)
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