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Train Accident: टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

Train Accident: टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया,कैसे?

Train Accident: टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

ओडिशा ट्रेन हादसा दिल दहला देने वाला है। अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है। 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं। हालांकि रेलवे ने 650 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। शुक्रवार शाम को जब हादसे की खबर आई थी तब किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह इतना भयानक हो सकता है।

शाम 8 बजे यह पता चला कि एक ट्रेन पटरी से उतर गई है। इसमें 30 लोगों की मौत हुई है…. जैसे-जैसे समय बीतता गया, तब जानकारी मिली कि दो ट्रेनों की टक्कर हुई है, लेकिन बाद में तीन ट्रेन टकराने की खबर सामने आई। इन ट्रेन के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। देर रात तक मरने वालों का आंकड़ा 200 के पार चला गया।.

तस्वीर हादसे के बाद की है। यहां चार ट्रैक थे। सभी उखड़ गए। डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए।
तस्वीर हादसे के बाद की है। यहां चार ट्रैक थे। सभी उखड़ गए। डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए।
टक्कर के बाद ट्रेनों के 17 डिब्बे पलट गए।
टक्कर के बाद ट्रेनों के 17 डिब्बे पलट गए।

1. हादसा कब हुआ?
हादसा शुक्रवार शाम 7 बजे भुवनेश्वर से 175 किमी दूर बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ।

2. पहले एक ट्रेन पटरी से उतरी फिर मालगाड़ी से भिड़ी…दूसरी टकराई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां पटरी से उतर गई। कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।

रातभर बचाव कार्य जारी था। दुर्घटनास्थल पर सबसे पहले स्थानीय लोग पहुंचे।

टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया।
इस फोटो में देखा जा सकता है कि यशवंतपुर-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस के ऊपर चढ़ गई।
इस फोटो में देखा जा सकता है कि यशवंतपुर-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस के ऊपर चढ़ गई।
यह फोटो कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक डिब्बे की है, जो पलट गया।
यह फोटो कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक डिब्बे की है, जो पलट गया।
रेस्क्यू टीम ने गैस कटर से डिब्बों को काटकर लोगों को बाहर निकाला।
रेस्क्यू टीम ने गैस कटर से डिब्बों को काटकर लोगों को बाहर निकाला।
NDRF की टीम ने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला।
हादसे के बाद लोग अपनों को खोजते दिखे। जो डिब्बे सुरक्षित बचे थे, उनसे स्थानीय लोगों ने यात्रियों को बाहर निकाला।
हादसे के बाद लोग अपनों को खोजते दिखे। जो डिब्बे सुरक्षित बचे थे, उनसे स्थानीय लोगों ने यात्रियों को बाहर निकाला।

3. स्थानीय लोगों ने कहा- तेज धमाका सुनाई दिया
स्थानीय लोगों ने शुक्रवार देर रात बताया कि हमने तेज आवाजें सुनीं। कुछ लोग रेलवे ट्रैक की तरफ भागे। देखा तो डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़े थे। इलेक्ट्रिक लाइन टूटी थी। लोग चिल्ला रहे थे। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेरहामपुर निवासी पीयूष पोद्दार ने बताया कि भगवान की कृपा से हम बच गए। इतना जोरदार झटका लगा कि कुछ लोग छिटककर डिब्बों से बाहर आ गए।

स्थानीय लोगों ने मदद करना शुरू कर दिया। उस वक्त जिससे जो बन रहा था वह कर रहा था। स्थानीय लोग खींचकर घायल यात्रियों को बाहर निकाल रहे थे।

4. ब्लड डोनेट करने पहुंचे स्थानीय लोग
इस हादसे के बाद शनिवार सुबह घायलों को गोपालपुर, कांतापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। यहां बड़ी तादाद में स्थानीय लोग ब्लड डोनेशन के लिए पहुंचे। इन अस्पतालों के बाहर इनकी भीड़ देखी गई।

यह फोटो बालासोर अस्पताल की है। जहां घायलों को भर्ती कराया गया।
यह फोटो बालासोर अस्पताल की है। जहां घायलों को भर्ती कराया गया।
बालासोर अस्पताल में बड़ी तादाद में स्थानीय लोग ब्लड डोनेशन के लिए पहुंचे।
बालासोर अस्पताल में बड़ी तादाद में स्थानीय लोग ब्लड डोनेशन के लिए पहुंचे।

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुआ ट्रेन हादसा इतना भयानक था कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के कई कोच तबाह हो गए। एक इंजन तो मालगाड़ी के रैक पर ही चढ़ गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि खिड़कियों के कांच टूट गए और करीब 50 लोग बाहर जाकर गिरे।

हादसे के 23 घंटे बाद यानी शनिवार शाम 6 बजे तक रेल मंत्री या रेलवे मिनिस्ट्री ने हादसे की वजहों पर कुछ नहीं कहा। मंत्री से लेकर अफसर तक जांच कराने की बात दोहराते रहे।

पहले ट्रेन डिरेल होने की खबर आई, फिर टकराने की जानकारी मिली
हादसे के एक घंटे बाद शाम को करीब 8 बजे बालासोर में एक ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर आई। इसके बाद दूसरी ट्रेन डिरेल होने की बात पता चली। रात करीब 10 बजे साफ हुआ कि दो यात्री गाड़ियां और एक मालगाड़ी टकराई हैं। शुरुआत में 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन देर रात यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया।

एक ट्रेन मालगाड़ी से टकराई, सामने से आई दूरंतो इसकी बोगियों से भिड़ी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डिरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।

  • हादसे में सुरक्षित 1000 पैसेंजर्स को विश्वेसरैया-हावड़ा एक्सप्रेस से हावड़ा भेजा गया।
  • बालासोर से आने वाली एक स्पेशल ट्रेन से 200 पैसेंजर्स को खाना और राहत सामग्री देकर भेजा गया।
  • NDRF की तीन और फायर सर्विस एंड रेस्क्यू की 20 टीमें घटनास्थल पर हैं। इनमें 1200 बचावकर्मी हैं।
  • हादसे के बाद घटनास्थल पर 115 एंबुलेस, 50 बसें और 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट्स तैनात की गई थीं।
  • NDRF और एयरफोर्स ने रेस्क्यू के लिए हेलिकॉप्टर्स भेजे। भुवनेश्वर, कोलकाता से भी रेस्क्यू टीमें पहुंचीं।
  • सेना की पूर्वी कमान से चिकित्सा और इंजीनियरिंग कोर को एंबुलेंस और मेडिकल एड के तैनात किया गया।
  • बालासोर मेडिकल कॉलेज के बाहर 2000 से ज्यादा लोग रातभर मौजूद रहे, कई लोगों ने खून डोनेट किया।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भुवनेश्वर AIIMS में बिस्तर, ICU जैसे इंतजाम करने को कहा।
  • ट्रैक बंद हो जाने की वजह से 48 ट्रेन रद्द, 39 डायवर्ट और 10 शॉर्ट टर्मिनेट कर दी गई हैं।
  • शनिवार को होने वाला गोवा-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस का इनॉगरेशन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
  • ओडिशा चीफ सेक्रेटरी ने शनिवार की रात 8 बजे कहा- अब तक मरने वालों की संख्या 288 है।

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