Train Accident: क्या दुर्घटना से पहले ASM को थी सिग्नल में गड़बड़ी की जानकारी?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा में 2 जून को हुए भयावह ट्रेन हादसे को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसमें सिग्नल में गड़बड़ी होने की बात सामने आई है। इसके कारण इंटरलॉकिंग सिस्टम फेल हो गया था।स्टेशन मास्टर को दी गई थी सिग्नल में खराबी की जानकारी
सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान सीबीआई के हाथ एक बड़ी जानकारी लगी है। कोरोमंडल के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले सिग्नल की खराबी का पता चला था।
दो जून की सुबह कर्मचारियों ने बाहानगा बाजार स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर (एएसएम) को गड़बड़ी की जानकारी दी। इसके बाद एएसएम ने टेक्नीशियन को बुलाया, लेकिन चूंकि उसके आने में देरी हो रही थी तो उसे फोन किया गया है और ट्रेन के संचालन के लिए सिग्नलिंग सिस्टम ठीक करने को कहा।
सिग्नल सिस्टम ठीक से नहीं कर रहा था काम
करीब 11 बजे टेक्नीशियन ने सिग्नल सिस्टम को ठीक किया। हालांकि, एएसएम ने यह जांच नहीं की कि उक्त सिग्नलिंग सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं। शाम को सिग्नल सिस्टम में फिर से खराबी आई थी, जिससे इतना बड़ा रेल हादसा होने की बात सीबीआई के पास सबूत के तौर पर हाथ आई है। इस गड़बड़ी के चलते कोरोमंडल मेन लाइन की बजाय लूप लाइन पर चली गई थी, जिस पर पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी।
कई लोगों को हिरासत में लेकर चल रही पूछताछ
इस मामले में सीबीआई स्टेशन मास्टर, एक टेक्नीशियन और अन्य कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लेकर गुप्त स्थान पर पूछताछ कर रही है।गौरतलब है कि 2 जून को कोलकाता से चेन्नई जा रही कोरोमंडल सुपरफास्ट एक्सप्रेस बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक मालगाड़ी से टकराकर पलट गई थी।
इसी दौरान भद्रक आ रही यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट के 2 डिब्बे कोरोमंडल कोच से टकराकर पटरी से उतर गए। हादसे में दोनों ट्रेनों के 288 यात्रियों की मौत हो गई और 1200 से ज्यादा यात्री घायल हो गए।
दोनों ट्रेनों के बहानगा स्टेशन पहुंचने में 3 घंटे का फर्क था, पर एक साथ आ गईं
ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी।
वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था, लेकिन 7 बजे के करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।
सिग्नल में दोबारा हुई थी गड़बड़ी
बहरहाल, शुरू में टेक्नीशियन ने सिग्नल सिस्टम को ठीक कर दिया था। लेकिन, एएसएम ने यह जांचा नहीं की कि सिग्नलिंग सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं। इसके बाद शाम को सिग्नल सिस्टम में फिर से दोबारा से खराबी आई थी, जिससे इतना बड़ा रेल हादसा होने की बात सीबीआई के पास सबूत के तौर पर हाथ आई है।
सीबीआई ने कई रेल कर्मचारियों को लिया हिरासत में
सीबीआई ने इस मामले में एक टेक्नीशियन, स्टेशन मास्टर और कई कर्माचरियों को हिरासत में ले लिया है। उनसे इस दुर्घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है। बता दें कि दो जून को कोलकाता से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में मालगाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें लगभाग 288 लोग और करीब एक हजार लोग जख्मी हो गए थे।
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