गैर संचारी रोगियों की खोज के लिए आशा कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

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आशा द्वारा गैर संचारी रोग पोर्टल को उपलब्ध कराया जाएगा फैमिली फोल्डर व सी-बैक फॉर्म की जानकारी:
एएनएम द्वारा होगी गैर संचारी मरीजों की स्वास्थ्य जांच:
मरीजों की होगी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, टीबी, हृदय रोग या कैंसर सम्बन्धी जांच:

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

गैर संचारी रोगों से ग्रसित मरीजों की स्वास्थ्य जांच के लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष पहल की जाएगी । अब आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर लोगों के परिवार की जानकारी लेने के साथ ही परिवार में उपलब्ध 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली जाएगी। उक्त जानकारी आशा कर्मियों द्वारा अपने क्षेत्र की एएनएम को उपलब्ध कराई जाएगी जिसके द्वारा सभी जानकारी गैर संचारी रोग (एनसीडी) पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में गैर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सम्बंधित मरीजों की जांच करते हुए उन्हें स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इतना ही नहीं अगर कोई मरीज किसी भी गैर संचारी रोगों से अत्यधिक ग्रसित पाए जाएंगे तो उन्हें विशेष उपचार के लिए बाहर भी भेजा जाएगा। विभिन्न गैर संचारी रोगों की जानकारी लेकर फैमिली फोल्डर तथा सी-बैक फॉर्म भरने के लिए जिले की सभी आशा कर्मियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनबनखी में पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में राज्य स्वास्थ्य समिति से आशीष कुमार सिन्हा एवं दुर्गा कुमारी द्वारा आशा कर्मियों को गैर संचारी मरीजों की खोज के लिए जानकारी दी जा रही है तथा जिला स्वास्थ्य विभाग से गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी.पी. अग्रवाल द्वारा प्रशिक्षण की मानिटरिंग की जा रही है।

आशा भरेंगी क्षेत्रीय लोगों की फैमिली फोल्डर व सी-बैक फॉर्म: डॉ वीपी अग्रवाल
जिला गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी.पी. अग्रवाल ने बताया कि जिले की सभी आशा कर्मियों द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों की फैमिली फोल्डर व सी-बैक फॉर्म (समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र) भरा जाएगा। सी-बैक फॉर्म में परिवार के सभी सदस्यों की उम्र, परिजनों के धूम्रपान, शराब सेवन, शारीरिक माप, साप्ताहिक व्ययाम की स्थिति, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, टीबी, हृदय रोग, कैंसर आदि की जानकारी भरी जाएगी। क्षेत्र के सभी लोगों की फैमिली फोल्डर व सी-बैक फॉर्म का विवरण आशा अपने एएनएम को देंगी जो उन्हें एनसीडी पोर्टल पर दर्ज करेंगी। इसके बाद विभिन्न रोग से ग्रसित मरीजों की स्वास्थ्य जांच करते हुए उन्हें उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आशा कर्मियों को सी-बैक फॉर्म भरने के लिए 10 रुपये प्रति फॉर्म तथा एएनएम द्वारा उक्त जानकारी को एनसीडी पोर्टल पर दर्ज करने के लिए 5 रुपये प्रति फॉर्म दिया जाएगा।

एएनएम द्वारा होगी गैर संचारी मरीजों की स्वास्थ्य जांच:
आशा द्वारा उपलब्ध सी-बैक फॉर्म के आधार पर आयोजित विशेष कैम्प में एएनएम व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा सभी लोगों की उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सामान्य कैंसर यथा- मुँह, स्तन, गर्भाशय का मुख आदि की जांच की जाएगी। जांच के बाद जो लोग स्वास्थ्य पाए जायेंगे अर्थात उच्च रक्तचाप, मधुमेह या कैंसर का सामान्य स्तर पाया जाएगा उन्हें बेहतर स्वास्थ्य जीवन शैली के लिए प्रेरित किया जाएगा जबकि संदेहास्पद लक्षणों वाले मरीजों से सम्बंधित सूचना को एएनएम द्वारा ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराई जाएगी और आवश्यकता अनुसार मुफ्त आवश्यक औषधि भी प्रदान किया जाएगा। कैम्प के पश्चात भी गैर संचारी रोग से ग्रसित मरीजों का प्रत्येक छः माह पर आशा द्वारा फॉलोअप भी किया जाएगा। प्रतिमाह सभी प्रखंड से लोगों की गैर संचारी स्वस्थ जांच करते हुए डाटा जिला गैर संचारी रोग कोषांग को उपलब्ध कराई जानी है।

लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है गैर-संचारी रोग: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया गैर संचारी रोग लंबे समय तक रहने वाली बीमारी होती है जिसका समय रहते उपचार बहुत जरूरी है। गैर संचारी रोगों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), मधुमेह (डाइबिटीज), कैंसर, मोतियाबिंद, हृदय रोग, अल्जाइमर आदि हो सकते हैं। 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ऐसी बीमारी होने का अधिक खतरा रहता है। लोगों को इससे बचाव के लिए नियमित तौर से स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे कि वह अपने क्षेत्र के गैर संचारी रोग ग्रसित मरीजों की खोज कर उन्हें स्वास्थ्य उपचार करवा सके। उन्होंने बताया कि जिले में गैर संचारी रोगों की नियमित जांच के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग से क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है जहां लोग प्रतिमाह अपनी निःशुल्क जांच करवा सकते हैं।

 

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