बिहार राज्य स्वास्थ्य प्रणाली डिजिटलीकरण (भव्या) से संबंधित आशा कार्यकर्ताओं को रॉडिक के सहयोग से प्रशिक्षण शिविर आयोजित
जिले के ग्रामीण इलाकों की आशा कार्यकर्ताओं को बनाया जाएगा स्मार्ट: सिविल सर्जन
विभिन्न चरणों में जिले की 143 आशा फैसिलिटेटर को आशा एप्प को लेकर किया गया प्रशिक्षित: डीसीएम
स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण के अलावा मरीजों को उपलब्ध सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण की प्रक्रिया होगी आसान:
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना (एमडीएचवाई) के अंतर्गत बिहार राज्य स्वास्थ्य प्रणाली डिजिटलीकरण (भव्या) को लेकर आशा कार्यकर्ताओं (आशा फैसिलिटेटर सहित) के लिए विकसित किए गए एम आशा एप्प से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 18 जून से 21 2024 तक चार स्वास्थ्य संस्थानों सदर अस्पताल सिवान, अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज, रेफरल अस्पताल मैरवा एवं रघुनाथपुर में जिले की सभी 143 आशा फैसिलेटराें काे एम आशा एप का उपयाेग कैसे करना चाहिए। इसके संबंध में प्रशिक्षक रजनीश मेहता और राजीव रंजन द्वारा प्रशिक्षित गया।
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाेने वाली जन्म- मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एर्ईएस, बुखार, डायरिया सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियाें के अलावा अन्य गतिविधियाें काे इस डिजिटल एप से जोड़ा जा रहा है। ताकि ग्रामीण इलाकों में किसी भी तरह के कार्यों को समय सीमा के अंदर पूरा करने में आशा कार्यकर्ताओ को किसी प्रकार से कोई दिक्कत नही हो। क्योंकि सभी आशा कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है कि एम आशा एप के माध्यम से आशा पाेर्टल पर अपलाेड करेगी। इसके बाद आशा कार्यकर्ता खुद स्मार्ट बन जाएगी और किसी भी पंजी को संधारण करने के लिए लिखने- पढने का झंझट नहीं रहेगा।
विभिन्न चरणों में जिले की 143 आशा फैसिलिटेटर को आशा एप्प को लेकर किया गया प्रशिक्षित: डीसीएम
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक आलोक कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन काे घर- घर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओ काे स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिसको लेकर जिला अस्पताल के सभागार में 18 जून को सिवान और हुसैनगंज की 18 आशा फैसिलिटेटर, 19 जून को पचरुखी और बड़हरिया की 22 आशा फेसिलिटेटर वही 18 जून को अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज के सभागार में दारौंदा, बसंतपुर और महाराजगंज की 20 आशा फैसिलिटेटर को तो वही 19 जून को भगवानपुर हाट, गोरेयाकोठी और लकड़ी नाबीगंज की 23 आशा फैसिलिटेटर को भाव्या एप्प से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। इसी तरह 20 जून को रेफरल अस्पताल मैरवा के सभागार में गुठनी, नौतन और मैरवा की 15 आशा फैसिलिटेटर को तो 21 को दरौली और जिरादेई की 18 आशा
फैसिलिटेटर जबकि रेफरल अस्पताल रघुनाथपुर के सभागार में 20 जून को आंदर और रघुनाथपुर की 13 आशा फैसिलिटेटर जबकि 21 जून को सिसवन और हसनपुरा की 14 आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षित किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण के अलावा मरीजों को उपलब्ध सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण की प्रक्रिया होगी आसान:
रॉडिक कंपनी के प्रशिक्षण प्रशिक्षक दुर्गा शंकर सिंह और अभिषेक तिवारी ने संयुक्त रूप से बताया कि स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन काे घर- घर तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओ काे स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके तहत 18 से लेकर 21 जून तक जिले के विभिन्न अस्पतालों में प्रशिक्षकों द्वारा आशा फैसिलेटटर काे एम आशा एप के उपयाेग करने के तौर तरीके से संबंधित जानकारी दी गई है। जिले की आशा कार्यकर्ता अब फाेन के मध्यम से एम- आशा एप द्वारा ग्रामीणों काे हाेने वाली बीमारियाें सहित अन्य प्रकार की असुविधाओ काे सीधे पाेर्टल पर अपलाेड कर देगी। क्योंकि भव्या एप के माध्यम से मरीजों को उपलब्ध तमाम तरह की सेवाएं पेपर लेस करने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण के साथ- साथ मरीजों को उपलब्ध सेवाओं की निगरानी व निरीक्षण की प्रक्रिया आसान होगी।
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