फाईलेरिया उन्मूलन के सफल क्रियान्वयन को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण

फाईलेरिया उन्मूलन के सफल क्रियान्वयन को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
• 20 सितंबर से चलेगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
• मास्टर ट्रेनरों को दिया गया प्रशिक्षण
• सिविल सर्जन ने किया प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

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श्रीनारद मीडिया‚ पंकज मिश्रा‚ छपरा (बिहार)


छपरा  जिले में फाईलेरिया नियंत्रण को लेकर 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा। जिसके तहत घर-घर लाभार्थियों को दवा खिलायी जायेगी। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सदर अस्पताल स्थित जीएनएम स्कूल में एक दिवसीय ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों, बीसीएम, भीबीडीएस, बीसी को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार और डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया चक्र में सभी स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने दवा खिलाना सुनिश्चित करें। पूर्व के कार्यक्रम की उपलब्धियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर लोग आशा एवं अन्य कर्मीयों द्वारा दी गई फाइलेरिया की दवा को नहीं खाते हैं। इसलिए उन्हें अपने सामने दवा खिलाएं। इस प्रशिक्षण शिविर में सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एचसी प्रसाद, टीबी ऑफिसर डॉ. आरपी सिंह, केयर इंडिया के डीपीओ भीएल आदित्य कुमार, पीसीआई के आरएमसी संजय कुमार, सीफार के जिला समन्वयक विनोद श्रीवास्तव समेत अन्य मौजूद थे।
आशा के सामने खानी होगी दवा:
डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन का चक्र 14 दिनों का होगा। जिसमें कोविड के प्रोटोकॉल के तहत कटोरी मेथड से दवा खिलायी जाएगी। जिसमें दवा को कटोरी में आशा रख देगी और लोगों को सामने में वह गोली खानी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा फाइलेरिया मरीजों का मुफ्त इलाज एवं आर्थिक सहायता भी दी जाती है। एक टीम एक दिन में 40 से 50 घरों का दौरा कर लक्षित समूह को सिर्फ दवा ही वितरण नहीं करेगी बल्कि उन्हें अपने सामने दवा खिलाएंगे। अभियान के दौरान प्रतिदिन छूटे हुए व्यक्तियों को पुर्नभ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त 7 वें एवं 14 वें दिन पूर्ण रूप से पुर्नभ्रमण करते हुए छूटे हुए सभी लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके अलावा जीविका कार्यकर्ता, स्कूली बच्चे एवं पंचायत सदस्यों द्वारा सामुदायिक स्तर पर फाइलेरिया एवं एमडीए के विषय में जागरूकता भी फैलाई जाएगी।

ऐसे खानी है दवा :
इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जाएगी। 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है। अभियान के छठे और 14वें दिन छुटे हुए लोगों को दवा खिलाई जाएगी।

ये होंगे लक्षित समूह:
हर व्यक्ति को इन दवाओं का सेवन करना है। केवल गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को यह दवा सेवन नहीं करनी है। दो साल से पांच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है।

 

 

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