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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के सफल क्रियान्वयन को प्रखंडस्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के सफल क्रियान्वयन को प्रखंडस्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण

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– स्वास्थ्य कर्मी तैयार करेंगे आभा कार्ड, एक कार्ड में दर्ज की जाएगी स्वास्थ सम्बन्धी सभी जानकारी
– स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल करने को स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही विशेष तैयारी
– हेल्थ कार्ड में संधारित होगी मरीज के स्वास्थ्य सम्बन्धी सभी जानकारी
– सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्रेशन (एचएफआर) पूर्ण करने का दिया गया निर्देश

श्रीनारद मीडिया,पूर्णिया, (बिहार):

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्वास्थ्य संबंधी तमाम सेवाओं को डिजिटल बनाने का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अब लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य रिकार्ड को ऑनलाइन अपडेट किया जा सकेगा। आभा यानि आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट लोगों के हेल्थ हिस्ट्री को एक जगह सहेजने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट के निर्माण की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी के प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण हेतु एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा की अध्यक्षता में किया गया। प्रशिक्षण में पिरामल फाउंडेशन (स्वास्थ्य) के एसटीपी प्रोग्राम के रीजनल मैनेजर संजय यादव तथा पिरामल स्वास्थ्य की प्रोग्राम लीडर नम्रता सिन्हा द्वारा सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सभी प्रकार की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई गई। प्रशिक्षण में पिरामल फाउंडेशन की गांधी फैलो अंजली कुमारी, स्वागता कुमारी, शिवांगी कुमारी के साथ ही सभी प्रखंडों के बीएचएम, बीएम&ई एवं डेटा ओपरेटर उपस्थित रहे।

हेल्थ कार्ड में संधारित होगी मरीज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी :

स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हुए पिरामल के एसटीपी प्रोग्राम के रीजनल मैनेजर संजय यादव ने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ अकांउट द्वारा लोग अपने सभी मेडिकल रिकॉर्डस, डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट, हॉस्पिटल रिपोर्ट सहित अन्य स्वास्थ्य रिकार्ड को एक जगह उपलब्ध रख सकते हैं। ये सारे डॉक्यूमेंटस 14 अंकों के हेल्थ आईडी के जरिये कभीं भी एक्सेस किया जा सकेगा। इस कार्ड के होने से लोगों को देश में कहीं भी किसी चिकित्सक को अपने पूरी मेडिकल हिस्ट्री बताने के लिये सिर्फ अपना आईडी नंबर बताना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी लोगों द्वारा अपने आधार कार्ड, मोबाइल नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस के जरिये हेल्थ आईडी कार्ड बेहद आसानी से बनाया जा सकता है।

मैन्यूल डेटा पर कम होगी हमारी निर्भरता :
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानि आभा कार्ड के संबंध में जानकारी देते हुए पिरामल जिला प्रोग्राम लीडर नम्रता सिन्हा ने कहा कि हर व्यक्ति का आभा कार्ड बनाया जाना है। आधार कार्ड व इससे लिंक मोबाइल नंबर के जरिये कार्ड जेनरेट किया जा सकता है। इसकी मदद से दूर-दराज के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में बैठे चिकित्सक इस आईडी नंबर के सहारे मरीज के स्वास्थ्य संबंधी तमाम जानकारी महज एक क्लिक से प्राप्त कर सकेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन के लिहाज से ये बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला व नवजात से संबंधित आरसीएच पोर्टल पर दर्ज जानकारी आसानी से उनके हेल्थ कार्ड में संधारित हो जायेगी। इसके लिये ये निर्णय लिया गया है कि सबसे पहले सभी पंचायतों को आरसीएच पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। इसके बाद प्रखंड व निर्धारित समयांतराल पर इसे पूरे जिले में क्रियान्वित किया जायेगा। इसकी मदद से मैन्यूल डेटा पर हमारी निर्भरता कम होगी व लोगों को सही समय पर उचित सेवा उपलब्ध करायी जा सकेगी।

सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्रेशन (एचएफआर) पूर्ण करने का दिया गया निर्देश :
प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य कर्मियों को सम्बोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा ने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेल्थ आईडी कार्ड उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसके निर्माण के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तकनीकी जानकारी का होना जरूरी है। इसके बाद प्रखंड स्तर पर इसका क्रियान्वयन किया जा सकेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को आसानी से लाभ मिल सकेगा। इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्रेशन (एचएफआर) पूर्ण करना चाहिए ताकि अन्य लोगों को इसका लाभ दे सकें। इसके साथ ही सिविल सर्जन ने सभी प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना महामारी को देखते हुए प्रखंड स्तर पर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने और लोगों को सतर्कता के लिए जागरूक करने का भी निर्देश दिया।

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