शहरी क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण से संबंधित प्रशिक्षण का हुआ समापन 

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-योग्य लाभार्थियों का नियत समय पर टीकाकृत करना पहला लक्ष्य: प्रशिक्षक
-संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी: क्षेत्रीय सलाहकार

श्रीनारद  मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

नवजात शिशुओं की जिंदगी को बेहतर बनाने एवं सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से टीकाकरण कराना सबसे प्रभावी और कम लागत का बेहतरीन तरीका है। क्योंकि नौनिहालों को जीवित रखने के लिए नियमित टीकाकरण कराना बहुत ही ज़्यादा जरूरी होता है। टीकाकरण नहीं होने से नवजात शिशुओं के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नियमित टीकाकरण नवजात शिशुओं के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक माना गया है। विगत 10 से 16 जून तक चले 144 नवनियुक्त एएनएम को प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शहरी क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण को प्रभावी तरीके से करने के लिए विस्तार पूर्वक बताया गया है। ताकि अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर गर्भवती महिलाओं, जच्चा व बच्चा को नियमित रूप से टीकाकृत कर उनके भविष्य को उज्ज्वल करें। एक सप्ताह तक चले प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन नियमित टीकाकरण के राज्य सलाहकार रणवीर कुमार, विभीषण झा, क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, चाई के वत्सल ढाका, एसएमओ मुकेश कुमार गुप्ता एवं सिफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी सहित कई अन्य उपस्थित थे।

 

 

-योग्य लाभार्थियों का नियत समय पर टीकाकृत करना पहला लक्ष्य: प्रशिक्षक
राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से यूनिसेफ़ से जुड़े नियमित टीकाकरण के राज्य सलाहकार रणवीर कुमार एवं विभीषण झा ने संयुक्त रूप से उपस्थित सभी प्रशिक्षुओं को बताया कि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने एवं नवजात शिशुओं के स्वस्थ्य शरीर निर्माण के लिए नियत समय पर नियमित रूप से टीकाकरण कराना जरूरी होता है। इसीलिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत योग्य लाभार्थियों का नियमित टीकाकरण करना होगा।
ताकि नियत समय पर नियमित टीकाकरण सुनिश्चित हो सके। यह भी बताया गया कि नियमित टीकाकरण के दौरान शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन- ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को टेटनेस-डिप्थीरिया का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई तरह के गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है।

 

 

-संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी: क्षेत्रीय सलाहकार
यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद ने बताया कि
नौनिहालों के उज्जवल भविष्य के लिए विभिन्न जिलों में शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से नियमित टीकाकरण को धरातल पर प्रभावी रूप से उतराने के लिए कोशी प्रमंडल के सहरसा से 12, सुपौल से 13, मधेपुरा से 10, पूर्णिया प्रमंडल के अररिया से 25, किशनगंज से 20, कटिहार से 21, पूर्णिया से 8, मुंगेर प्रमंडल के खगड़िया से 13 व मुंगेर से 14 जबकिं भागलपुर प्रमंडल के बांका से 8 नवनियुक्त एएनएम को प्रशिक्षित किया गया हैं। योग्य एवं प्रशिक्षित एएनएम द्वारा शहरी क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को नियमित रूप से टीकाकृत किया जाता है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित और सामान्य प्रसव को अपनाने के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने के लिए नियमित टीकाकरण बहुत ज़्यादा जरूरी होता है।

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