कालाजार उन्मूलन को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
डीएनडीआई कर रहा जिले के विभिन्न अस्पतालों में प्रशिक्षण शिविर का संचालन: डॉ आरपी मंडल
आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार बीमारी को लेकर किया गया प्रशिक्षित: एमओआईसी
ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से आशा कार्यकर्ताओं को किया जा रहा प्रशिक्षित: संचालन प्रमुख
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,(बिहार):
कालाजार बीमारी में बुखार, वजन घटाने, एनीमिया के साथ ही पेट का बड़ा आकार बढ़ने की विशेषता है। यह बीमारी काफी हद तक गरीबों के बीच देखने को मिलती है। डीएनडीआई के द्वारा रेफ़रल अस्पताल रुपौली के सभागार में कालाजार बीमारी के मुख्य लक्षण, बचाव और उसके उपचार को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से आशा कार्यकर्ता एवं आशा फ़ैसिलिटेटर के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक कुंदन कुमार, डब्ल्यूएचओ के बीएम कुमुद कुमार चौधरी, वीबीडीएस रूपेश कुमार, बीएचडब्ल्यू अशोक कुमार मालाकार, डीएनडीआई के संचालन प्रमुख अमित मल्लिक और राज्य सलाहकार डॉ गौरब मित्रा, आईईसी बिहार के समनवयक राज किशोर राय, सिफ़ार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।
डीएनडीआई के द्वारा जिले के विभिन्न अस्पतालों में प्रशिक्षण शिविर का संचालन: डॉ आरपी मंडल
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि बिहार में कालाजार जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से कार्य करने वाली डीएनडीआई संस्था के द्वारा जिले के अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा एवं बनमनखी, बी कोठी, के नगर, कसबा, जलालगढ़, अमौर एवं रुपौली में प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर जागरूक किया जा रहा है। ताकि क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्हें किसी और को जागरूक करने में कोई कठिनाई नहीं हो। पोस्ट कालाजार डर्मल लीशमैनियासिस (पीकेडीएल) और विसरल लीशमैनियासिस (वीएल) के इलाजरत मरीज़ों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों की जांच, इलाज एवं रहने या भोजन की व्यवस्था पूरी तरह से निःशुल्क है।
आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार बीमारी को ले किया गया प्रशिक्षित: एमओआईसी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार ने आशा कार्यकर्ता एवं आशा फ़ैसिलिटेटर को संबोधित करते हुए कहा कि कालाजार के मरीज़ों में 15 दिन से अधिक बुखार आना, वजन कम होना, चेहरे के रंग काला होना और पेट का बड़ा आकार होना मुख्य लक्षण हैं। कालाजार रोग से संबंधित लक्षण की पहचान जब तक नहीं होगी तब तक उसका उपचार करना मुश्किल होगा। जिसको लेकर कालाजार से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से आशा कार्यकर्ताओं को किया का रहा प्रशिक्षित: संचालन प्रमुख
डीएनडीआई के संचालन प्रमुख अमित मल्लिक ने कहा कि
कालाजार के लक्षण और बचाव को लेकर ज़िले के विभिन्न अस्पतालों में आशा कार्यकर्ता एवं आशा फ़ैसिलिटेटर को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि डोर टू डोर भ्रमण के दौरान ग्रामीणों को बीमारी से संबंधित जानकारी देते हुए उसे सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जा सके।
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