मशरक के गण्डामन कांड की 11 वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा, 23 मृत बच्चों को किया गया याद
16 जुलाई 2013 को जहरीली भोजन करने से हुई थी मौत
श्रीनारद मीडिया, विक्की बाबा, मशरक, सारण (बिहार):
मशरक प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धरमासती गण्डामन कांड की 11 वीं बरसी पर मृत 23 बच्चों के स्मारक पर मोमबत्ती जला, हवण पूजा कर व पुष्प अर्पित कर नम आंखों से याद किया गया। मृतक के परिजन अपने लाडलों को याद कर रो पड़ते है। उनके दिमाग में मौत का वह मंजर याद आ जाता है जब अस्पताल में एक के बाद एक हर मिनट 23 मासूमों ने दम तोड़ दिया।
जजौली मुखिया राजेन्द्र प्रसाद यादव के अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल,बीईओ डाॅ वीणा कुमारी, जिला पार्षद प्रतिनिधि बिट्टू सिंह, प्रखंड सरपंच संघ के अध्यक्ष व स्थानीय सरपंच अजय कुमार सिंह, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष रामाधार सिंह, भाजपा के अध्यक्ष बीरबल प्रसाद, जजौली मुखिया प्रतिनिधि वरूण कुमार यादव, दुरगौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सत्येन्द्र सिंह, पूर्व मुखिया महेश सिंह,बीडीसी अमीत सिंह, शंकर ठाकुर, सुरेन्द्र यादव, राजू प्रसाद, सत्येन्द्र प्रसाद, हरेन्द्र मिश्र सहित बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीण व स्कूली बच्चो ने मोमबत्ती जला व पुष्प अर्पित कर व फुल माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके पूर्व पंडितों व आचार्यों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवण पूजा भी किया गया। 11 वीं बरसी पर याद किया गया।
सभी लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की
आपको बताते चलें कि 11 वर्ष पहले 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के धर्मा सती बाजार के पास गण्डामन गाव के सामुदायिक भवन में चल रहें प्राथमिक विद्यालय में यादें ताजा होते ही गांव के हर लोगों की आंखें नम हो जा रही है। करीब-करीब हर दूसरे घर के बच्चे को इस घटना ने लील लिया। मंगलवार को फूल-माला चढ़ा कर अब कभी नहीं लौटने वाले अपने लाडले को प्यार-दुलार देकर श्रद्धांजलि दिए।
16 जुलाई 2013 को क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 16 जुलाई 2013 को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे मासूम बच्चे खाना मिलने का इंतजार कर रहे थे। रसोइया ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधान शिक्षिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा. सरसों तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव के लिए तैयार कीटनाशक रखा था।बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल लाकर दे दिया, जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था. रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा. उसने इसकी शिकायत एचएम मीना देवी से की।
ध्यान दिया होता तो बच जाती जान!
मीना देवी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को दिया गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की थी। जानकारी के मुताबिक बच्चों की शिकायत को नजरअंदाज करते हुए मीना देवी ने डांटकर भगा दिया था। कुछ देर बाद ही बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गई। इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया। विद्यालय की रसोइया और 25 बच्चे पीएमसीएच में कठिन इलाज के बाद वापस गांव आ पाए थे।
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