भाजपा से मुकाबला के लिए देश भर में होगा तृणमूल कांग्रेस का विस्तार-अभिषेक बनर्जी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए ममता बनर्जी की पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का देश भर में विस्तार किया जायेगा. यह बात ममता बनर्जी के भतीजे (भाईपो) अभिषेक बनर्जी ने कही है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी देश के हर इलाके में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है. एक महीने में इसके लिए योजना तैयार कर ली जायेगी.
पश्चिम बंगाल की सुप्रीमो, जो तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख भी हैं, के भतीजे अभिषेक ने कहा कि उनकी पार्टी हर उस राज्य में भाजपा से सीधा मुकाबला करना चाहती है, जहां पर उसका आधार बन रहा है. तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भाई-भतीजावाद का आरोप लगाने के लिए भगवा खेमे पर पलटवार करते हुए अभिषेक ने कहा कि अगर संसद में ऐसा विधेयक पारित हुआ कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति राजनीति में रहेगा, तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे.
डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी ने आगे स्पष्ट किया कि वह अगले 20 साल तक कोई सार्वजनिक पद या मंत्री पद नहीं संभालना चाहते और केवल अपनी पार्टी की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे. सांसद ने कहा कि विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा को हराने के बाद हमें समूचे देश से एक लाख ई-मेल मिले हैं. हम हर उस राज्य में भाजपा से मुकाबला करेंगे, जहां पर तृणमूल कांग्रेस का जनाधार बन गया है.
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने हाल ही में अपने भतीजे को पदोन्नत कर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का महासचिव बनाया है. इसके पहले अभिषेक बनर्जी तृणमूल युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उनकी जगह सायोनी घोष को युवा विंग की कमान सौंपी गयी है. तृणमूल कांग्रेस में अभिषेक के बढ़ते कद की वजह से ही कथित तौर पर बंगाल चुनाव 2021 से पहले कई कद्दावर नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे.
कई कद्दावर नेताओं के तृणमूल छोड़ने के बाद ममता बनर्जी के साथ मिलकर अभिषेक बनर्जी ने जीतोड़ मेहनत की और पार्टी लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता में लौटी. भारतीय जनता पार्टी के आक्रामक तेवरों का अभिषेक बनर्जी ने मुंहतोड़ जवाब दिया और भगवा दल को बंगाल में 77 सीटों पर सीमित कर दिया. तीसरी बार सबसे ज्यादा 213 सीटें जीतकर तृणमूल कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की. इसलिए पार्टी और अभिषेक दोनों के हौसले बुलंद हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस्तीफा देने की बात कह डाली. दरअसल, राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद अभिषेक बनर्जी पहली बार मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे.
इस दौरान टीएमसी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने वंशवाद को लेकर जारी आलोचनाओं और खुद की योग्यता पर उठने वाले हर सवाल का जोरदार तरीके से जवाब दिया. टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने साफ किया है वो हमेशा से परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं. वो हमेशा कहते रहे हैं कि एक परिवार से एक व्यक्ति ही राजनीति में आए. अगर केंद्र की सरकार वंशवाद को लेकर कानून बनाती है तो वो पहले शख्स होंगे जो इस्तीफा देने से पीछे नहीं हटेगा.
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी एक बड़ी पार्टी है. बीजेपी की सरकार को वंशवाद पर कानून जरूर बनाना चाहिए. इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी के नेताओं को भी सवालों के घेरे में लिया. अभिषेक बनर्जी ने पूछा कि अगर वंशवाद गलत है तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे को बीसीसीआई का सचिव कैसे बना दिया गया? क्या इस सवाल का जवाब पत्रकार केंद्रीय गृह मंत्री से पूछ सकते हैं.
दरअसल, टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के पहले डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी के जिम्मे पार्टी की यूथ विंग थी. वो इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. हाल ही उन्हें पार्टी में प्रमोशन देकर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. इस पर बीजेपी अभिषेक बनर्जी पर हमलावर है. यहां तक कि बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने अभिषेक बनर्जी को टीएमसी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने पर सवाल उठाए हैं. इसके बाद अभिषेक बनर्जी ने अमित मालवीय से बीजेपी के नेताओं के बेटे और रिश्तेदारों को पार्टी में विधायक और एमपी बनाए जाने पर जवाब तलब किया है. अभिषेक बनर्जी के मुताबिक पहले वंशवाद पर अमित मालवीय को जवाब देना चाहिए.
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