सर्द बयार में लक्ष्मीपुर में संवाद, स्वाद और उमंग की बही त्रिवेणी!
नए साल के स्वागत के क्रम में प्रतिभाओं का अनोखे अंदाज़ में किया गया उत्साहवर्धन
रानी लक्ष्मी बाई स्पोर्ट्स एकेडमी में नन्हे कदम फाउंडेशन के सहयोग से आयोजन
कम संसाधन, गरीबी, सामाजिक बंधनों के बावजूद लड़कियों का खेल के प्रति जुनून एक मिसाल है।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
खेल प्रतिभाओं की तपस्यास्थली लक्ष्मीपुर। ग्रामीण क्षेत्र् के प्रतिभाओं के राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली प्रेरणास्थली लक्ष्मीपुर। सिवान के गुरु द्रोणाचार्य श्री संजय पाठक जी की कर्मस्थली लक्ष्मीपुर।
नए साल के दूसरे दिन की लक्ष्मीपुर की साँझ बेहद निराली थी। खेल प्रतिभाओं ने उल्लास के साथ नन्हे कदम फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराया गया केक काटा, चॉकलेट खाया, शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक से संवाद कर स्वर्णिम करियर की बात समझी। हुनर के फलसफे को समझा। खेलभावना के सकारात्मक आयामों को महसूस किया। अनोखे देसी अंदाज़ में लिट्टी चोखे का जायका चखा।
सर्द बयार अवश्य बह रही थी लेकिन रानी लक्ष्मी बाई स्पोर्ट्स एकेडमी की प्रतिभाओं ने अपने ऊर्जस्वित, प्रेरित आयाम का परिचय तो करा ही दिया। इस अवसर पर मौजूद पाठक आईएएस संस्थान के निदेशक श्री गणेश दत्त पाठक, रानी लक्ष्मी बाई स्पोर्ट्स एकेडमी के संचालक श्री संजय पाठक, Central Bank of India के सेवानिवृत वरिष्ठ बैंक प्रबंधक श्री अरुण पाण्डेय, नन्हे कदम फाउंडेशन के प्रमुख आदित्य कुमार, विपिन पाण्डेय, दिव्यांशु कुमार ने प्रतिभाओं का भरपूर उत्साहवर्धन किया और नए साल में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरित किया। प्रतिभाओं का उत्साह, उमंग एक शानदार भविष्य की तरफ संकेत करता दिखा।
कच्ची-पक्की सड़कों से जब कभी आप मैरवा पहुंचेंगे तो खेतों के बीच बड़े से मैदान में कुछ लड़कियां फुटबॉल खेलते दिख जाएंगी। दरसअल ये बच्चियां सिर्फ फुटबॉल ही नहीं खेल रही होती हैं बल्कि व्यस्त रहती हैं अपने अरमानों के आसमानों को बुनने में।
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