कोरोना टेस्टिंग में लगायी गयी ट्रूनॉट मशीनों को टीबी जांच में भी किया जायेगा इस्तेमाल
•कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर दिया निर्देश
• जन-आंदोलन के रूप में टीबी उन्मूलन के लिए चलाया जा रहा अभियान
•24 मार्च को सभी प्रखंड में मनाया जाएगा यक्ष्मा दिवस
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा सारण (बिहार )
छपरा । टीबी उन्मूलन के लिए विभाग के द्वारा जन आंदोलन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रखंड व गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। टीबी उन्मूलन की दिशा में विभाग के द्वारा अहम निर्णय लिये गये हैं । अब जिले के सदर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीआर टीबी के मरीज की जांच ट्रूनॉट मशीन से की जाएगी। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। यक्ष्मा विभाग की ट्रूनॉट मशीन कोविड जांच में लगायी गयी है जिसे आवश्यकता अनुसार टीबी के मरीजों की जांच के लिये उपयोग किया जा सकता है। ट्रूनॉट मशीन बैटरी चालित और पोर्टेबल है और टीबी के लक्षण पहचाने में सहायक है। भारत में 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है जिसमें यह मशीन काफी सहायक सिद्ध हो सकती है। इस मशीन से जांच में 90 मिनट लगता है । इसे सुदूर गांव में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जहां बिजली नहीं है। इससे एमटीबी तथा एमडीआर टीबी दोनों ही तरह की टीबी की जांच हो सकेगी। मरीजों के इलाज में प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। इसकी विशेषता है कि दो नमूनों की जांच एक साथ करती है, जिससे दो मरीजों की रिपोर्ट एक साथ मिल जाती है। विदित हो कि कोविड मशीन टीबी जाँच मशीन ही है जिसे कोविड में लगाया गया था। टीबी रोग के नाश के लिए सरकार गंभीर है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी मरीजों की जांच की जा रही है। इसके लिए जिले में मार्च माह जिले को यक्ष्मा मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। एनटीईपी (नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमेशन कार्यक्रम) के द्वारा मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाया जा रहा। है। टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन के रूप में जिले में संचालित किया जा रहा है।
24 मार्च को मनाया जाएगा विश्व यक्ष्मा दिवस :
सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन प्रसाद सुकुमार ने बताया कि प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार सहयोगी संस्था केयर इंडिया के द्वारा सभी प्रखंड मुख्यालयों में विश्व यक्ष्मा दिवस मनाने में सहयोग किया जाएगा। इसके तहत टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों, टीबी चैंपियन, ट्रीटमेंट सपोर्टर, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर व्यापक जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के लिए केयर इंडिया के जिला प्रतिनिधि के द्वारा रोस्टर भी तैयार किया जाएगा।
हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज:
सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं । इसके साथ उनको नि:शुल्क दवा भी दी जाती है। जो नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होती है। टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है और इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना
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