मंगलमय जीवन के लिए परमात्मा पर भरोसा करना आवश्यक है : समर्थगुरू सिद्धार्थ औलिया
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली के पीठाधीश और समर्थगुरू मैत्री संघ हिमाचल के जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य डॉ. मिश्रा ने बाजीगर बादी सभा हरियाणा के प्रधान सतपाल धर्मसोत को आदरणीय समर्थगुरु द्वारा रचित श्रीमद्भगवद्गीता भेंट की गई। सभी सहयोगियों का आभार प्रकट किया और बताया गया कि समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया द्वारा रचित ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ सहजयोग के मार्ग को उजागर करती है जो आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम ग्रंथ है।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कर्मयोग पर सर्वाधिक बल दिया है। सकाम कर्म बंध में और निष्काम कर्म मुक्ति में ले जाता है। श्रीमद्भ भगवदगीता का बहुत सुन्दर भावानुवाद उन सभी को समर्पित है,जो भगवान श्री कृष्ण को प्रेम करते है तथा गीता में प्रतिपादित सहजयोग के मार्ग पर चलना चाहते है।
ट्विटर के माध्यम से आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने बताया कि जो हुआ उससे राजी होना, अतीत का स्वीकार है। जो है, उसका साक्षी रहकर परिष्कार करना वर्तमान का स्वीकार है। जो भी आगे होगा, मंगलमय होगा, उसके प्रति परमात्मा पर भरोसा करना भविष्य का स्वीकार है।
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