*वाराणसी में पुष्कर तालाब सफाई अभियान का सच*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / कहते है कि तस्वीरे झूठ नहीं बोलती है, ठीक उसी तरह से जिस तरह से चा हे कितना भी घना कोहरा छाया हो सूरज को निकलने से रोक नहीं सकता है, यह और बात है कि कोहरे को कुछ देर के लिए घमंड हो जाता है कि वह सूरज को छुपा लिया। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ और न ही कभी होगा कि सत्य को कोई असत्य बना देते। कुछ ऐसा ही पुष्कर तालाब की सफाई अभीयान को लेकर है। पहली बार पुष्कर तालाब सफाई अभीयान का सुभरंभ 23 जनवरी 2004 बसंत पंचमी को अस्सी क्षेत्र के नवयुवक दिलीप कुमार पाण्डेय, मदन गोपाल पाण्डेय, सुरेश यादव, अजय मणि त्रिपाठी, राजेश सिंह, लालदास कन्नौजिया सहित अस्सी, भदैनी व नगवां के नवयुवकों के साथ शीतलदास अखाड़ा के महंत स्वामी रामनिरंजन दास महाराज की अध्यक्षता में तालाब की सफाई का संकल्प लिया और तालाब की सफाई शुरू हुयी। पहले सप्ताह में एक दिन सफाई अभीयान शुरू हुआ और फिर रोज अभीयान चलाकर तालाब को पूरी तरह से साफ कर दिया गया। इस दौरान राजेश कुमार मिश्र काशी के सांसद चुने गये और उनको पुष्कर तालाब पर बुलाकर उनका अभीनंदन किया गया और समारोह में उपस्थित भोजपुरी के महानकवि पं. चन्द्रशेखर मिश्र, ख्यातिलब्ध ज्योतिषाचार्य पं. शारदा प्रसाद मिश्र,महंत राम निरंजन दास सहित नगर के संभ्रांत लोगो के आग्रह पर सांसद डॉ. राजेश कुमार मिश्र ने पुष्कर तालाब के सुन्दरीकरण कराने की घोषणा की और केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय से 4.30 करोड़ रूपया पास कराया। इस दौरान पुष्कर तालाब का सफाई अभीयान जारी रहा और इसमें वाराणसी नागरिक समाज सहित काशी के अन्य सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से पुष्कर तालाब को पूरी तरह से साफ कर दिया गया। प्रतिदिन होने वाले श्रमदान में संत मुरारी बापू, संकट मोचन के मंदिर महंत प्रो. विश्व•ार नाथ मिश्र, जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, मारीशस के राष्टÑपति के पत्नी की बहन हुसिला देवी रिसोल, ख्यातिलब्ध पर्यावरणवीद् सुन्दर लाल बहुगुणा, उस समय के नगर आयुक्त लालजी राय, पूर्व एडीएम सिटी नलिन अवस्थी तो पुष्कर तालाब के लिए समर्पित होेकर एक महीना लगातार श्रमदान किया, पूर्व कमिश्नर नीतिन रमेश गोकर्ण, अजय उपाध्याय सहित काशी के संतो महंथो ने भी श्रमदान किया। तालाब तो पूरी तरह से साफ हो गया लेकिन तालाब के सुन्दरीकरण का कार्य शुरू नहीं हुआ। इधर बीच राजेश मिश्रा का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो गया और भाजपा के सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी सांसद चुने गये लेकिन तालाब के सुन्दरीकरण का कार्य नहीं शुरू हुआ। इसके लिए दिन रात संघर्ष करके अधिकारियों के कार्यालयों, जनप्रतिनिधियों के कार्यालयों का चक्कर काटने के बाद किसी तरह से काम शुरू हुआ।
कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने तालाब का सुन्दरीकरण के नाम पर तालाब के चारो तरफ पाथवे बनाने के साथ ही तालाब के दक्षिण दिशा में पूरब व पश्चिम सीढ़ी का निर्माण करके काम का खत्म कर दिया। कार्यदायी संस्था ने तालाब के अन्दर की सफाई नहीं की। नगर निगम व कार्यदायी संस्था एक दूसरे को तालाब की सफाई करने की बात करते हुए इस कार्य को नहीं किया। जिसका नतीजा रहा की तालाब एक बार फिर जलकुंभी से भा गया। क्या कभी ऐसा हो सकता है कि तालाब के सुन्दरीकरण के लिए पैसा पास हो और उसमें तालाब के सफाई का बजट न हो, क्या कभी ऐसा होता है कि कोई कलाकार किसी व्यक्ति का चित्र बनाये और और उसकी आंखे बनाये बिना कह दे कि चित्र पूरा हो गया। कुछ ऐसा ही मजाक पुष्कर तालाब के साथ हुआ। तालाब का सुन्दरीकरण हो गया लेकिन तालाब केअन्दर की सफाई नहीं हुयी जिसका नतीजा हुआ कि तालाब एक बार फिर जलकुंभी से भर गया। इधर बीच एक संस्था के सहयोग से तालाब पर फिर अभीयान चलाकर तालाब को पूरी तरह से साफ कर दिया गया लेकिन इसका मतलब तो यह नहीं है कि आप इसकी शुरूआत करने वाले लोगो की अवहेलना करे। आप अच्छा काम किये है ये तो सामने दिख रहा है लेकिन इसके पहले भी इस कार्य को किया गया लेकिन उस समय की सरकार, प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग व राजनीकि के कारण तालाब का काम पूरा नहीं हो सका, जो आज आपके सहयोग से पूरा हुआ। समाज के काम सबके सहयोग से होता कोई यह कहे कि हमने करा दिया तो ऐसा संभव नहीं है। सफाई के नाम पर हमें कोई तमगा, पद या पुरस्कार नहीं चाहिए आप को यह सब मुबारक यह तो हमारा सामाजिक दायित्व था जो हमने किया, हमारे बाद भी कोई आयेगा और करेगा। यह तो सृष्टि का नियम है चलता रहेगा।
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