अपने काम पर एकाग्र रहने का करें प्रयास,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मैंने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया है। इस दौरान एक इंसान ने मुझे बहुत प्रभावित किया। उनका नाम है अनुराग मेहरोत्र। अभी वर्तमान में वह फोर्ड इंडिया के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। कार्य के दौरान मैंने उन्हें देखा था कि वे हमेशा निश्चित समय पर दफ्तर आते थे। अपने सहयोगियों से नियमित रूप से मिलने का समय निकाल लेते थे। मैंने उन्हें कभी नहीं देखा कि वे किसी सहयोगी या किसी के बारे में अपनी राय सुना दें या कोई जजमेंट दें।
मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि निरंतर एक सकारात्मक ऊर्जा उनके व्यक्तित्व से बह रही है। ऐसे इंसान निश्चित रूप से बेहद प्रभावित करते हैं और प्रेरित कर जाते हैं। आपने भी ऐसे कई व्यक्तित्वों को देखा होगा, जो ऐसी ही निरंतरता में यकीन रखते हैं। उनका जीवन सहज होता है और वे सरल, पर उनकी दिनचर्या बड़ी संतुलित होती है। ऐसा लगता है कि वे कह रहे हों कि भले ही डर लगे, राह में थककर रुकने का या काम छोड़ देने का मन हो, फिर भी आपको आगे बढ़ते ही जाना है। यह सजगता हमारे अंदर आ गई तो समझिये कि हम सर्वोच्चता के मुकाम पर पहुंच गए। जाहिर है, इसके लिए अपार इच्छाशक्ति व संकल्प की मजबूती चाहिए।
क्या है निरंतरता का अर्थ: इसका अभिप्राय एक ही काम को बार-बार करना नहीं है। हम उस काम को प्रतिदिन और बेहतर बनाने का प्रयत्न करते हैं। यदि आपने इस बात पर ध्यान दिया तो समझिये आपके लिए हर दिन सुंदर है। आप जीवन के एक बेहतरीन यात्री हैं। मंजिल आपको मालूम है, उससे प्यार है, लेकिन आपको रास्ते से भी उतना ही लगाव हो सकता है। अपनी दिनचर्या में आप ऐसे तरीके निकाल लेते हैं, जो कार्य को निरंतर करने की प्रेरणा दें। मेसॉन र्कुे की किताब के मुताबिक, महान संगीतकार बीथोवन रोज अपनी कॉफी बनाने के लिए गिनकर कुल 60 कॉफी बीज का प्रयोग करते थे। आप कहेंगे ऐसा क्यों। दरअसल, इस तरह के तरीकों से निरंतरता बनाए रखने में मदद मिलती है। हम एकाग्र होते हैं और अपने ध्यान को विचलित होने से रोक पाते हैं।
महानता की राह: किसी काम में सफल हो जाना महानता नहीं है, बल्कि जो निरंतर चलते रहें, वे एक दिन महानता की श्रेणी में आ खड़े होते हैं। इतिहास में नजर दौड़ाएं या अपने ही आसपास, आपको ऐसे फौलादी जिजीविषा वाले लोग मिल जाएंगे। बेशक वे बार-बार हार जाते हों, लेकिन दोबारा चल पड़ने की ऊर्जा भी जुटा लेते हैं। कुछ लोग तो उम्र का बंधन भी नहीं मानते। उन्हें बस अपनी राह पर चलते जाने में आनंद आता है। हर दिन वे खुद को और बेहतर कैसे बनाया जाए, इस बात पर एकाग्र रहते हैं। जैसे, बॉक्सिंग क्वीन मैरी कॉम अपने हर मैच के बाद उसका वीडियो देखती हैं। इससे उन्हें अपनी गलतियों को सुधारने में मदद मिलती है। महानता यही है। लगातार संघर्ष करते हुए अपने मूल्यों पर आगे बढ़ना महानता है। मिशेल फैन अमेरिका की मशहूर यूट्यूब स्टार व मेकअप एक्सपर्ट हैं। वह कहती हैं, ‘इन दिनों वीडियो बनाकर वायरल कर देना बहुत आसान है। ऐसा सब कर सकते हैं, पर निंरतर ऐसा करते हुए लोगों को बार-बार आमंत्रित कर पाना बहुत कठिन है, ऐसा सब नहीं कर सकते।’
निरंतरता अनिवार्य शर्त: आपको बढ़िया सेहत या शारीरिक संरचना की चाह है तो यह अच्छी बात है। आप किसी काम में शिखर पर पहुंचने का ख्वाब देखते हैं तो प्रशंसनीय है। लेखक बनना चाहते हैं या व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो अच्छा है। पर क्या केवल सोच या चाह लेने भर से यह संभव है? जाहिर है, कोई भी काम तब तक संभव नहीं, जब तक कि आप रोजाना उस दिशा में पहल न करें। सबसे पहले तो पहल करें और इसके बाद एक सुनियोजित कार्यप्रणाली बनाएं। इसके बाद अपनी दिनचर्या को इस तरह से व्यवस्थित करें कि अपनी तैयार की गई कार्यप्रणाली पर आप अमल कर सकें। किसी भी काम में आगे जाने के लिए आपको इसी मार्ग को अपनाना होगा। अच्छी सेहत और सुडौल शरीर चाहिए तो इसके लिए एक दो दिन नहीं बल्कि रोजाना सही डाइट, सैर व कसरत पर ध्यान देना ही होगा। आपको इसके लिए पर्याप्त समय निकालना होगा। इसी तर्ज पर जो आपकी प्राथमिकताएं हैं, जो करना चाहते हैं, जरा सोचकर देखें कि क्या आप निरंतर उस पर काम कर रहे हैं?
क्या हैं निरंतरता के लाभ
आप अपनी दिनचर्या को उपयोगी बना सकते हैं। आप जरूरी काम में अटकते नहीं। भटकाव नहीं होता। एकाग्र होकर उसे पूरा कर पाते हैं।
निरंतर किसी काम को करते रहें तो उसमें आपके और बेहतर होने की संभावना अधिक होती है।
निरंतर चलते जाने में सहायक हैं मेसॉन र्कुे के टिप्स
अमेरिकी लेखक मेसॉन र्कुे ने अपनी किताब ‘डेली रिचुअल्स’ में काफी दिलचस्प तथ्यों को सामने रखा है। उन्होंने बताया है कि कैसे दुनिया के महान कलाकार, दार्शनिक व अन्य प्रबुद्ध लोगों ने निरंतरता को बनाए रखने के प्रयास किए। इस किताब के कुछ प्रमुख बिंदु आपको निरंतर चलने में मदद कर सकते हैं :
सुबह जल्दी जागने से आप दिन भर अपने काम को बेहतर ढंग से बांट सकते हैं और उन्हें पूरा भी कर सकते हैं।
हमेशा अपने पास एक कलम और कॉपी रखें। नये विचार आने पर उन्हें लिख लें।
सोचें कि जो लक्ष्य आपने चुने हैं, क्या वे पूरे हो रहे हैं? साथ ही यह भी क्या उस लक्ष्य से उस परिवेश के दूसरे लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं?
रोजाना छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर काम करने से जीवन में बड़े बदलाव की संभावना बन जाती है।
पांच का उपयोगी फॉर्मूला
ब्रिटेन के जाने-माने लेखक ग्रेग मैकिओन की किताब ‘एसेंशियलिज्म’ में भी कई सूत्र हैं, जो निरंतरता बनाए रखने में हमारी मदद कर सकते हैं :
ऐसे पांच लोगों की सूची बनाएं, जो आपके प्रिय हों।
पांच कामों की सूची बनाएं, जो आप करना चाहते हैं।
ऐसे पांच विचार या मूल्य, जो आपको व लोगों को प्रेरित करते हों।
उक्त चीजें तय करने के बाद अपने पूरे दिन के काम को इस तरह इनके साथ समायोजित करें जिससे कि आप इन विचारों को जमीन पर उतारने में सफल हो सकें। यदि आप इसे जमीन पर उतारने का प्रयास करते हैं और इसमें सफल हो जाते हैं तो यह पांच का फॉर्मूला जरूर आपके आत्मबल में बढ़ोत्तरी करेगा। इसके बाद आप निरंतर आगे बढ़ने की ऊर्जा जुटा सकेंगे।
ये उपाय भी हैं कारगर
नकारात्मक विचारों को पनाह न दें।
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि चेक करने का समय निर्धारित करें। यदि ऐसा नहीं होगा तो आप पाएंगे कि इनकी वजह से ऊर्जा और समय की बर्बादी हुई।
अपमान और आलोचनाओं से विचलित होने के बजाय अपने काम पर एकाग्र रहने का प्रयास करें।
सफलता मिले या विफलता, दोनों स्थितियों में खुद को अतिउत्साह से बचाना होगा। इससे आप निरंतर आगे बढ़ने के लिए तैयार रहेंगे।