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सीवान में सिसवन को बाढ़ से बचाने के लिए बनेंगे दो एंटी फ्लड स्लूइस गेट - श्रीनारद मीडिया

सीवान में सिसवन को बाढ़ से बचाने के लिए बनेंगे दो एंटी फ्लड स्लूइस गेट

सीवान में सिसवन को बाढ़ से बचाने के लिए बनेंगे दो एंटी फ्लड स्लूइस गेट

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान में सिसवन के दक्षिणी भाग में निचले इलाके को सरयू की बाढ़ से बचाने के लिए दो जगहों पर एंटी फ्लड स्लूइस बनाया जाएगा। इसके लिए नदी के गोगरा तटबंध पर कठिया बाबा व ग्यासपुर में जगह चिह्नित किया गया है। जल्द ही इसपर निर्माण कार्य शुरू कर होगा। तटबंध से पानी के रिसाव को नियंत्रित करने के लिए कई जगह स्लूइस गेट बनाए गए हैं। यह काफी हद तक बाढ़ व सूखा दोनों ही परिस्थिति में लंबे समय तक लोगों के लिए वरदान साबित होते रहे हैं।

सरयू के गोगरा तटबंध पर बने स्लूइस गेट बदलते समय में विकसित होने के बजाय जर्जर होते चले गए। यह अलग बात है कि सुखाड़ की स्थिति में गांव की तरफ का पानी का बहाव नदी की तरफ नहीं होता है। लेकिन, नदी के पानी का उपयोग सुखाड़ के समय में किसान जरूर कर लेते हैं। नदियों में पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने और तटबंधों की सुरक्षा में स्लूइस गेट की महती भूमिका होती है। नदी में पानी बढ़ने व तटबंध में स्पर्श करते ही गेट को बंद कर दिया जाता है।जबकि गांवों में जलभराव होने पर नाले से होकर इन्हीं स्लूइस गेटों से पानी का बहाव नदी में होता है।

हर साल निचले इलाकों में घुस जाता है पानी
कचनार, गंगपुर सिसवन, साईंपुर, चतेया, ग्यासपुर और सरौत आदि गांवों को नदी के सैलाब का खतरा रहता है। हर साल गांव के निचले इलाकों में सैलाब का पानी फैल जाता है। इससे खेती बारी के साथ-साथ आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ विरोधी कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती जाती है। इससे कटाव रोकने में पूर्णतया सफलता नहीं मिल पाती। हालांकि विभाग के जेई बताते हैं कि बाढ़ व कटाव को रोकने के लिए विभाग कटिबद्ध है।

68 किमी में है सरयू पर बना गोगरा तटबंध | जिले की प्रमुख नदी सरयू पर बने बांध को गोगरा तटबंध के नाम से जाना जाता है। गुठनी से सिसवन के साईंपुर तक 68 किमी में बने इस तटबंध पर कई स्लूइस गेट बने हुए हैं। इनमें दर्जन भर जर्जर हो चले हैं। इन्हें आवश्यकता पड़ने पर खोलने व बंद करने में परेशानी उठानी पड़ती है। बरसात के दिनों में सरयू नदी में पानी की रफ्तार में उतार-चढ़ाव जारी रहता है।

करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं रुका कटाव
सिसवन प्रखंड के दक्षिणी सीमा पर सरयू नदी प्रवाहित है। यह प्रखंड की दक्षिणी सीमा पर कचनार गांव से ग्यासपुर तक विस्तृत है ।इस नदी में प्रतिवर्ष बाढ़ आती है व किसानों पर कहर ढाह उनकी खेतीबारी को बर्बाद कर देती है। इतना ही नहीं नदी के कटाव के चलते हर साल सैकड़ों हेक्टेयर खेत नदी के गर्भ में विलीन हो जाते हैं। यद्यपि बाढ़ नियंत्रण विभाग कटाव को रोकने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये व्यय करता है । बावजूद नदी का कटाव पूर्णतया नहीं रुक सका है।

पिछले चार वित्तीय वर्षों में नदी के चार जगहों पर कटाव निरोधी कार्य में करीब सतरह करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। वर्ष 2018 19 में के नजदीक नदी के तटबंध पर गेबियन निर्माण में करीब 9 करोड़ 2019 20 में नवका टोला में गेबियान निर्माण में करीब तीन करोड़ तथा तथा साईपुर , टरनेवा माधोपुर मे बाढ़ विरोधी कार्य में दो करोड़ का सोलह लाख तथा साईं पुर में दो करोड़ 51 लाख रुपया व्यय किए गए हैं ।

 

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