बिहार के बक्सर में शराब के नशे में धुत दो अधिकारी पकड़े गए.
पुलिस के लिए देशभक्त शराबी बना सिर दर्द
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में सभी कर्मियों ने जीवन में कभी भी शराब नहीं पीने की शपथ ली है. लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह किसी से छिपी हुई नहीं है. शराब तस्करों और शराबियों के साथ-साथ आए दिन राज्य कर्मियों को भी शराब सेवन या फिर तस्करी के मामले में में गिरफ्तार किया जाता रहा है. जो बिहार में शराबबंदी की कहानी को बयां करती है. ताजा मामला बक्सर से आया है. यहां एंटी लिकर टास्क फोर्स बक्सर मुक्त जेल के जेलर और कक्षपाल को शराब के नशे में गिरफ्तार किया. जिसके बाद दोनों आरोपियों को नगर थाने के हाजत में रखा गया.
बिहार की सीमा में प्रवेश करते ही धराये
जानकारी के मुताबिक बक्सर में एंटी लिकर टास्क फोर्स वीर कुंवर सिंह सेतु के पास सघन जांच अभियान चला रही थी. इसी दौरान जिला मुक्त जेल के जेलर और कक्षपाल को पकड़ा गया. दोनों शराब के नशे में धुत थे. जांच अभियान उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर सेतु पर चलाया जा रहा था. बिहार की सीमा में प्रवेश करते ही दोनों आरोपियों को को टीम ने हिरासत में ले लिया और दोनों को नगर थाने के हाजत में ले जाकर बंद कर दिया गया. जांच शुक्रवार की देर रात को चलायी जा रही थी.
नगर थानाध्यक्ष ने की मामले की पुष्टि
मामले को लेकर नगर थानाध्यक्ष दिनेश मलंकार ने पुष्टि की है. दोनों आरोपियों को आज पुलिस अभिरक्षा में शनिवार को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुक्त कारागार के जेलर राम विनोद कुमार तथा कक्षपाल रूपक कुमार के रूप में हुई है. न्यायालय में पेश करने के पुलिस आगे की कार्रवाई की जा रही है. दोनों आरोपियों के पकड़े जाने के बाद जेल विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जिसके बाद कई बड़े अधिकारियों ने दोनों को छुड़ाने के लिए काफी जोर लगाई. लेकिन नतीजा शून्य रहा. हालांकि अभी इस मामले पर कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
बिहार में 6 साल पहले लागू हुई थी शराबबंदी
गौरतलब है कि बिहार में पूर्णशराबंदी अप्रैल 2016 में लागू की गयी थी. पुलिसकर्मियों के खुद को नशे में पकड़े जाने या फिर शराब की बिक्री में शामिल होने के उदाहरणों के कारण राज्य सरकार को कई बार शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है. बहरहाल राज्य के गृह विभाग का दावा है कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने पर कई अधिकारियों को नुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. जबकि कईयों को अब तक सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.
पुलिस के लिए देशभक्त शराबी बना सिर दर्द
बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब तस्कर और शराबियों की धड़-पकड़ में पुलिस को भारी परेशानी का समाना करना पड़ता है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार की शाम सोहसराय थाना क्षेत्र के आशा नगर मोहल्ले में पुलिस की गश्ती दल ने एक शराबी को नशे की हालत में पकड़ा. गश्ती दल उसे पकड़कर थाने ले आयी. बाद में शराबी ने थाने पहुंचकर जमकर हंगामा किया. शराबी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार आरोपी का नाम सुरेश बताया जा रहा है. वो पुलिस के सामाने ही दोनों हाथ को उठाकर वंदे मातरम की नारेबाजी करने लगा.
शराबी ने थाना परिसर में रखा सामन के साथ ही तोड़फोड़
पुलिस के द्वारा पकड़े गए शराबी ने थाने में जमकर उत्पात बनाया. वो थाने में रखा सामान इधर उधर फेंकने लगा उसे काबू में करने में पुलिस को बड़ी मश्कत करनी पड़ी. जब पुलिस शराबी को काबू करने में नाकाम रही तो उसके परिजनों को बुलाया गया. हालांकि इसके बाद भी नशे में धुत शख्स अपना हाई वोल्टेज ड्रामा जारी रखा, नशेड़ी की जांच के लिए पुलिस को करीब तीन घंटे का इंतजार करना पड़ा. बाद में किसी तरह से उसे काबू किया
नशा उतारने के लिए पुलिस ने पिलाया नींबू का रस
वीडियो में देखा जा सकता है कि अरोपी शराबी पूरे थाना परिसर में परेड कर रहा था. एक सिपाही ने उसे रोकने की कोशिश की, मगर वो पूरी तरह से नाकाम रहा. बताया जा रहा है कि पुलिस वालों ने शराबी का नशा उतारने के लिए परिसर में बैठाकर नींबू का रस पिलाया. लेकिन उसका नशा कम नहीं हुआ. इसके बाद आरोपी के परिजनों के सामने ही उसे हाजत में बंद किया गया. मगर वहां भी उसने अपना नाटक जारी रखा. स्थानीय लोगों ने बताया सुरेश ने पुलिस को लगभग आधी रात तक परेशान किया. इस मामले में सदर डीएसपी ने बताया कि शराबी को हिरासत में ले लिया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस की गश्ती गाड़ी ने शराबी को पकड़ा था और थाने लेकर आई थी.