15 मार्च तक मिलेंगे दो नए चुनाव आयुक्त,क्यों ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से बनी रिक्तियों को भरने के लिए 15 मार्च तक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होने की संभावना है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने जानकारी  में बताया कि चयन समिति सदस्यों की सुविधा के आधार पर 13 या 14 मार्च को बैठक कर सकती है और नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है।

निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले ही गोयल ने शुक्रवार सुबह चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की। इससे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनाव प्राधिकरण के एकमात्र सदस्य रह गये हैं। पांडे 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हुए हैं।

अरुण गोयल के इस्तीफे के कारण का नहीं हुआ खुलासा

गोयल के इस्तीफे के पीछे के कारणों से जुड़े सवाल पर सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया हो। गोयल और कुमार के बीच मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि आंतरिक संचार और निर्णयों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि गोयल द्वारा कोई असहमति दर्ज नहीं की गई थी।

बीते शुक्रवार को अरुण गोयल ने दिया था इस्तीफा

शुक्रवार की सुबह इस्तीफा देने वाले गोयल चुनाव ड्यूटी के लिए पूरे भारत में केंद्रीय बलों की तैनाती और आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय तथा रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे।

इस तरह चुने जाएंगे देश के अगले चुनाव आयुक्त

बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति दोनों पदों के लिए पहले पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी। इस समिति में गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव शामिल होंगे। बाद में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति, जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे, चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम तय करेगी। इसके बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

आईएएस अधिकारी रह चुके हैं अरुण गोयल

सेवानिवृत्त नौकरशाह गोयल 1985-बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं । वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे। इससे पहले अशोक लवासा ने अगस्त 2020 में चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले लोकसभा चुनावों में आचार संहिता उल्लंघन संबंधी निर्णयों पर असहमति जताई थी।

कानून मंत्रालय के अनुसार, गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को ही स्वीकार कर लिया और वो आज से ही प्रभावी हो गया। गोयल का कार्यकाल वैसे दिसंबर 2027 तक था।

 गोयल कौन हैं?

  • सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे।
  • गोयल ने नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उन्होंने 18 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और एक दिन बाद उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उन्होंने 21 नवंबर को कार्यभार संभाला था।
  • फरवरी 2025 में मौजूदा राजीव कुमार के कार्यकाल की समाप्ति के बाद गोयल अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे।
  • अरुण गोयल दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे। वह श्रम और रोजगार मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार भी थे। वो केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं।
  • गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था।
  • फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग पैनल में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बचे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था नियुक्ति का मामला

अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर भी बवाल मचा था। 2024 में गोयल की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। मामले पर मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि गोयल की नियु्क्ति सरकार की ओर से जल्दबाजी में की गई थी और उनका कार्यकाल 2 साल से ज्यादा होना चाहिए।

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